भू-वैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुले

भू-वैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट आज सुबह ब्रह्म मुहूर्त में 4.33 बजे खोल दिए गए। इस दौरान पूरा बदरीनाथ धाम बदरी विशाल के जयकरों से गूंज उठा। अब यहीं आगामी छह माह तक भगवान बदरी विशाल की पूजा होगी।

By BhanuEdited By: Publish:Wed, 11 May 2016 09:10 AM (IST) Updated:Thu, 12 May 2016 07:30 AM (IST)
भू-वैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुले

बदरीनाथ (चमोली)। भू-वैकुंठ बदरीनाथ धाम के कपाट आज सुबह ब्रह्म मुहूर्त में 4.33 बजे खोल दिए गए। इस दौरान पूरा बदरीनाथ धाम बदरी विशाल के जयकरों से गूंज उठा। अब यहीं आगामी छह माह तक भगवान बदरी विशाल की पूजा होगी।
सेना के बैंड, तीर्थ पुरोहितों, वेद पाठियों, हक-हकूकधारियों की उपस्थिति में विधि-विधान से पूजा-पाठ के साथ बदरीनाथ धाम के कपाट खोले गए।
इसके बाद श्रद्धालुओं ने अखंड ज्योति के दर्शन किए। करीब दस हजार श्रद्धालु बदरीनाथ विशाल के दर्शन को लाइन में लगे। भक्तों को घृत कंबल का प्रसाद भी मिला। छह माह तक इस घृत कंबल पर भगवान बदरी विशाल के विग्रह मौजूद रहते हैं। बता दें कि अब छह माह तक बदरीनाथ के कापट श्रद्धालुओं के दर्शन को खुले रहेंगे।


इस तरह की गई विधि विधान से पूजा

सुबह 3.30 बजेः दक्षिण द्वार से कुबेरजी को मंदिर परिसर में लाया गया।

सुबह 4.00 बजेः रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी के साथ तीर्थ पुरोहित, बेदपाठियों ने उत्तर द्वार से मंदिर परिक्रमा परिसर में किया प्रवेश

सुबह 4.10 बजेः मंदिर के कपाट की पूजा जो करीब दस मिनट चली।

सुबह 4.33 बजेः भगवान बदरी विशाल के कपाट खोल दिए गए।

सुबह 4.35 बजेः गर्भ गृह में किए गए अखंड ज्योति के दर्शन

सुबह 4.40 बजेः मंदिर के गर्भ गृह से लक्ष्मीजी की मूर्ति को मंदिर से बाहर निकालकर मंदिर परिक्रमा स्थल पर लक्ष्मीजी के मंदिर में स्थापित किया गया।

सुबह 4.50 बजेः उद्धवजी व कुबेरजी को मंदिर में भगवान बदरीविशाल के साथ किया गया स्थापित।

सुबह 5.00 बजेः घाडू घड़ी तेल कलश मंदिर में लाया गया और गर्भ गृह में भगवान बदरीविशाल से घृत कंबल उतारा गया। इसके बाद भगवान का श्रृंगार कर पूजा प्रारंभ की गई। साथ ही श्रद्धालुओं को घृत कंबल का प्रसाद वितरित किया गया।

सांसद खंडूड़ी की तबीयत बिगड़ी
दर्शन की लाईन में लगे सांसद खंडूरी की तबियत अचानक बिगड़ गई। सीने मे दर्द की शिकायत के साथ ही वह कुछ देर बेहोश हो गए। आनन-फानन उन्हें उपचार दिया गया। इसके बाद उनकी तबीयत में सुधार आया।
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