टैक्सी चालक परेशान, खोजे नहीं मिल रही सवारियां

लॉकडाउन के बाद अनलॉक होने पर कुछ उम्मीदें जगी। लेकिन अब बरसात का सीजन आ गया है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 06:58 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 06:10 AM (IST)
टैक्सी चालक परेशान, खोजे नहीं मिल रही सवारियां
टैक्सी चालक परेशान, खोजे नहीं मिल रही सवारियां

जासं, बागेश्वर: लॉकडाउन के बाद अनलॉक होने पर कुछ उम्मीदें जगी। लेकिन अब बरसात का सीजन शुरू हो गया। ऐसे में टैक्सी संचालकों की दिक्कतें बढ़ गईं हैं। उन्हें यात्री नहीं मिलने से वे परेशान हैं। जिससे उनके साथ रोजी-रोटी का संकट पैदा होने लगा है।

जिले में करीब 1500 टैक्सियां संचालित होती हैं। रोडवेज और केएमओ की बसें सभी गांवों को नहीं जोड़ पाती हैं। ऐसे में टैक्सी यातायात का सबसे सुलभ साधन है। ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा टैक्सियां अल्मोड़ा, हल्द्वानी, रानीखेत, देहरादून, दिल्ली आदि स्थानों को भी संचालित होती हैं। कोरोना के चलते पिछले मार्च अंत से टैक्सियों के पहिए एक तरह से ठप हैं। इसबीच अनलॉक होने के कारण उन्हें कुछ काम मिलने की उम्मीद जगी थी, लेकिन बरसात शुरू हो गई है। जिससे टैक्सी संचालकों को यात्री नहीं मिल पा रहे हैं। टैक्सी संचालक प्रकाश उपाध्याय, चंदन बिष्ट, भुवन चंद्र, हरेंद्र सिंह, मदन, उमेश आदि ने बताया कि वे एक तरह से बेरोजगार हो गए हैं। यात्री कम हैं और कोरोना के कारण जरूरी काम के लिए घर से बाहर निकल रहे हैं। अनलॉक वन के बाद उम्मीद बनी थी, लेकिन बरसात से उस पर पानी फेर दिया है। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा तक मैक्स में 400 और आल्टो में 500 रुपये किराया है। जबकि चार सवारी ही वे बिठा रहे हैं। पेट्रोल, डीजल महंगा होने से भी परेशानी होने लगी है। उन्होंने सरकार से टैक्सी वालों को भी मदद करने की मांग की है।

chat bot
आपका साथी