आस्था का प्रतीक है पिनाकेश्वर महादेव मंदिर

बागेश्वर में विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कौसानी की ऊंची पहाड़ी पर बसा पिनाकेश्वर महादेव का मंदिर श्रद्धालुओं का अगाध श्रद्धा व अटूट आस्था का प्रतीक है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 29 Nov 2020 10:51 PM (IST) Updated:Sun, 29 Nov 2020 10:51 PM (IST)
आस्था का प्रतीक है पिनाकेश्वर महादेव मंदिर
आस्था का प्रतीक है पिनाकेश्वर महादेव मंदिर

जागरण संवाददाता, बागेश्वर: विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कौसानी की ऊंची पहाड़ी पर बसा पिनाकेश्वर महादेव का मंदिर श्रद्धालुओं की अगाध श्रद्धा व अटूट आस्था का प्रतीक है। काíतक पूíणमा को यहां विशाल मेला लगता है। कत्यूर घाटी, बोरारौ घाटी समेत चौखुटिया-गेवाड़ घाटी से भी लाखों श्रद्धालु यहां आकर पूजा अर्चना करते हैं और भगवान भोलेनाथ से मन्नत मांगते हैं।

पिनाकेश्वर महादेव का मंदिर पिनाथ नामक पहाड़ी पर प्रकृति की सुरम्य क्रीड़ा स्थली में बसा है। यहां से सूर्योदय व सूर्यास्त का नजारा देखने लायक होता है। समुद्र तल से लगभग आठ हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर का निर्माण राजा बाल बहादुर चंद ने 1438 इसवीं में आखेट के दौरान किया था। उन्होंने इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 365 सीढि़यां बनाई थीं। यहां से प्रकृति की अद्भुत, अनुपम छटा बरबस सबको अपनी ओर आकर्षित करती है।

पिनाकेश्वर महादेव आराध्य देव के नाम से भी जाने जाते हैं। काíतक पूíणमा के अवसर पर प्रतिवर्ष यहां विशाल मेला लगता है। श्रद्धालु यहां भगवान भोलेनाथ को भोग लगाते हैं। भगवान के दर्शन करते हैं। यहां जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मनौती करता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। काíतक पूíणमा से यहां तीन दिनों तक मेला लगता है। यहां श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं। रात्रि जागरण होता है। भजन कीर्तन करते हैं। तीन दिवसीय मेले का समापन शिव पूजा व हवन के साथ होता है।

इस बार कोरोना संक्रमण के कारण सादगी से पूजा अर्चना होगी। यह क्षेत्र कुमाऊं के साथ गढ़वाल के लोगों की आस्था का भी केंद्र है। यहां हर साल हजारों लोग पूजा अर्चना के लिए आते थे। इस बार कम ही लोगों के यहां पहुंचने की उम्मीद हैं।

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