जलमानी अस्पताल दंत चिकित्सक के हवाले
संवाद सूत्र धरमघर : जलमानी अस्पताल पिछले दस माह से दंत चिकित्सक के हवाले है। धरमघर क्षेत्र क
संवाद सूत्र धरमघर : जलमानी अस्पताल पिछले दस माह से दंत चिकित्सक के हवाले है। धरमघर क्षेत्र के अस्पतालों को फार्मासिस्ट चला रहे हैं। क्षेत्र की तीस हजार से अधिक जनसंख्या इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टरों से लुट रही है। बास्ती की घटना के बावजूद भी स्वास्थ्य महकमा खामोश है।
बास्ती गांव में फूड प्वाइज¨नग से पूरा गांव बीमार हो गया। उन्हें आसपास के अस्पतालों में प्राथमिक इलाज तक नहीं मिल सका। गांव के नजदीक अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा ऐलोपैथिक अस्पताल में दांतों के एक डॉक्टर तैनात हैं। फूड प्वाइज¨नग के बीमार को दवा देना शायद उनके बस में था। ऐलोपैथिक धरमघर में सिर्फ फार्मासिस्ट तैनात हैं जबकि कमेड़ीदेवी को भी फार्मासिस्ट के हवाले छोड़ दिया गया है। क्षेत्र के 30 हजार से अधिक लोग सिर दर्द, पेट दर्द और मामूली बुखार के लिए या तो जिला मुख्यालय आ रहे हैं या फिर झोलाछाप डॉक्टरों के पास। ऐसे में उनका सफल इलाज तो दूर पूरा स्वास्थ्य ही भगवान भरोसे चल रहा है।
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आर- पार की होगी जंग
बास्ती, धरमघर क्षेत्र के चंचल भौर्याल, राजेंद्र राठौर, कमल भौर्याल, जोगा ¨सह मेहता, सुरेश महर आदि ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर तीस हजार की जनता को झुनझुना थमाया गया है। बास्ती में हुई घटना के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की कलई खुल गई है। उन्होंने कहा कि अब आर-पार की जंग करने से ही उन्हें स्वास्थ्य की सेवाएं मिल सकेंगी।
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डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा। सुदूरवर्ती क्षेत्रों में डॉक्टरों को भेजा जाएगा। वर्तमान में डॉक्टरों की कमी है।
-डॉ. जेसी मंडल, सीएमओ, बागेश्वर