रामगंगा नदी में डूबने से व्यापारी की मौत

रामगंगा नदी में डूबने से व्यापारी की मौत हो गई। घटना के बाद से गांव में शोक की लहर है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Feb 2020 11:14 PM (IST) Updated:Mon, 17 Feb 2020 06:16 AM (IST)
रामगंगा नदी में डूबने से व्यापारी की मौत
रामगंगा नदी में डूबने से व्यापारी की मौत

बागेश्वर, जेएनएन : रामगंगा नदी में डूबने से व्यापारी की मौत हो गई। घटना के बाद से शोक की लहर है। व्यापारियों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया है।

शनिवार देर शाम जगत सिंह कार्की (48) पुत्र भवान सिंह कार्की अपने घर कालापैर कापड़ी को जा रहे थे। वह नाचनी पिथौरागढ़ जिले में परचून की दुकान चलाते थे। उनका घर रामगंगा नदी के पार बागेश्वर जिले में है। हर दिन वह कच्चे पुल से रामगंगा नदी पार कर अपने घर को जाते थे। बीते शाम जब वह दुकान बंद कर जा रहे थे तो उनका पैर अनियंत्रित हो गया और वह रामगंगा नदी की लहरों में खो गए। वह सात बजे तक घर नही पहुंचे तो परिजनों को चिता हुई। उन्होंने साथी व्यापारियों से पूछताछ की। उन्होंने बताया कि वह रामगंगा नदी पार कर घर को आ रहे थे। इसके बाद उन्होंने नदी किनारे ढूंढ खोज की। कच्चे पुल से करीब 100 मीटर आगे उनका शव दिखाई दिया। घटना की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस उन्हें पिथौरागढ़ जिले में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तेजम ले आई। जहां चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित कर दिया। मृतक की पत्नी चंपा देवी कालापैर कापड़ी की पूर्व प्रधान भी है। प्रधान दिवान सिंह कार्की ने पीड़ित को मुआवजा देने की मांग की है। घटना के बाद गांव में शोक की लहर है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।

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दो साल पहले बह गया था पुल

रामगंगा नदी में बना पक्का पुल दो साल पहले प्राकृतिक आपदा में पूरी तरह बह गया था। यह पुल बागेश्वर को पिथौरागढ़ जिले से जोड़ता था। दो सालों से यहां के लोग कच्चे पुल से ही नदी को पार करते हैं। जिससे अक्सर हादसे होते रहते हैं। इसके बाद भी अभी तक पुल को बनाने की किसी ने कोशिश नहीं की है।

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