चरस तस्करी में 11 वर्ष का सश्रम कारावास

जागरण संवाददाता बागेश्वर विशेष सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी की अदालत ने चरस तस्करी के मामल

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 03:40 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 03:40 PM (IST)
चरस तस्करी में 11 वर्ष का सश्रम कारावास
चरस तस्करी में 11 वर्ष का सश्रम कारावास

जागरण संवाददाता, बागेश्वर : विशेष सत्र न्यायाधीश धनंजय चतुर्वेदी की अदालत ने चरस तस्करी के मामले में अभियुक्त को दोषी पाते हुए 11 साल का सश्रम कारावास और एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। अदालत ने घटना के करीब एक साल बाद यह फैसला सुनाया है।

आठ अक्टूबर 2018 की रात करीब 11.15 बजे तत्कालीन कपकोट थानाध्यक्ष वंदना चौहान पुलिस व एसओजी टीम के साथ थान क्षेत्र में जुर्म, अवैध तस्करी, मादक पदार्थों को रोकने के लिए गश्त पर थीं। गश्ती टीम फरसाली तिराहा शामा-कपकोट रोड स्थित झोपड़ा विश्राम गृह पर पहुंची तो गाड़ी की हेडलाइट की रोशनी में सामने शामा की तरफ से आता व्यक्ति पुलिस को देख वापस भागने लगा। शक होने पर पुलिस ने उसे पकड़ा तो उसके बैग में चरस निकली। इसका वजन एक किलो 808 ग्राम था। आबकारी अधिनियम में मामला दर्ज किया। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता चचंल सिंह पपोला ने नौ गवाह परीक्षित कराए। अभियुक्त से बरामद माल का परीक्षण विधि विज्ञान प्रयोगशाला रुद्रपुर से कराया गया। विशेष सत्र न्यायाधीश की अदालत ने पत्रावली का अध्ययन और गवाहों के बयानों के आधार पर अभियुक्त सुरेंद्र सिंह पुत्र किशन सिंह निवासी लीती, कपकोट दोषी सिद्ध हुआ। न्यायालय ने उसे 11 वर्ष का सश्रम कारावास और एक लाख रुपये के अर्थदंड से दंडित करने का फैसला सुनाया।

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