फायर सीजन में अखरने लगी वन रक्षकों की कमी

संवाद सूत्र ताड़ीखेत (रानीखेत) फायर सीजन में वन कर्मचारियों की कमी अखरने लगी है। हालांकि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Apr 2019 11:15 PM (IST) Updated:Fri, 05 Apr 2019 06:31 AM (IST)
फायर सीजन में अखरने लगी वन रक्षकों की कमी
फायर सीजन में अखरने लगी वन रक्षकों की कमी

संवाद सूत्र, ताड़ीखेत (रानीखेत) : फायर सीजन में वन कर्मचारियों की कमी अखरने लगी है। हालांकि अबकी बेहतर बारिश के कारण जंगलात आग से बचे हुए हैं। मगर फील्ड कर्मियों के अभाव से चुनौती बनी हुई है। ताड़ीखेत रामनगर हाईवे पर धमाइजर के जंगल में काटी गई फायर लाइन ने विभाग की अग्निपरीक्षा ही ले ली। तेज हवा से लपटें बेकाबू हो गई।

पीक फायर सीजन में वनाग्नि पर नियंत्रण को इन दिनों लाइन काटी जा रही हैं। गुरुवार को वन कर्मियों ने धमाइजर वन क्षेत्र में वनाग्नि पर काबू पाने के लिए लाइन काटी। दोपहर बाद हवा तेज होने से लपटें बेकाबू हो गई मगर उस पर काबू पाने के लिए पर्याप्त टीम नहीं थी। रेंज अधिकारी उमेश पांडे के निर्देश पर त्वरित कदम उठाया भी गया। मात्र दो वन कर्मियों ने मशक्कत कर आग पर काबू तो पा लिया। मगर फील्ड स्टाफ की कमी खूब अखरी।

=============

रानीखेत रेंज का ये हाल

रानीखेत रेंज में 18 बीट व छह अनुभाग हैं। नियमत: यहां प्रत्येक बीट पर एक-एक वॉचर होना चाहिए। मगर पांच ही तैनात हैं। इसी तरह 18 के सापेक्ष मात्र छह वन रक्षक हैं। ऐसे में विषम भौगोलिक हालात वाले पर्वतीय क्षेत्र में एक वन रक्षक के पास तीन से चार बीटों का जिम्मा है। जो फायर सीजन में मुश्किल काम है।

===============

कुमाऊं वृत्त पर नजर

= कुमाऊं के अतिसंवेदनशील उत्तरी वृत्त यानी अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर व चम्पावत में 1296 फील्ड कर्मचारियों की जरूरत। 783 तैनात, 513 पद खाली। फॉरेस्ट गार्ड 220, वन दरोगाओं के 119 व रेंजरों के 15 पद रिक्त।

==============

'विनाग्नि नियंत्रण में जनसहयोग जरूरी है। विभाग में फील्ड स्टाफ की कमी है। एक वन रक्षक के पास तीन से चार बीटों की जिम्मेदारी है। लोग जागरूक हो जाएं तो जंगलों को आग से बचाने में बड़ी मदद मिलेगी।

- उमेश पांडे, रेंज अधिकारी'

chat bot
आपका साथी