जवानों के अदम्य साहस और शौर्य को किया नमन

विजय दिवस पर सैनिकों के अदम्य साहस और शौर्य को याद किया गया। इस मौके पर 1971 में भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। गुरुवार को विजय दिवस पर शहीद स्मारक छावनी क्षेत्र (ईदगाह के समीप) शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Dec 2021 04:39 PM (IST) Updated:Thu, 16 Dec 2021 04:39 PM (IST)
जवानों के अदम्य साहस और शौर्य को किया नमन
जवानों के अदम्य साहस और शौर्य को किया नमन

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा : विजय दिवस पर सैनिकों के अदम्य साहस और शौर्य को याद किया गया। इस मौके पर 1971 में भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। गुरुवार को विजय दिवस पर शहीद स्मारक छावनी क्षेत्र (ईदगाह के समीप) शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान ने कहा कि विजय दिवस इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन देश के सैनिकों ने पाकिस्तान के सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर कर दिया। देश की रक्षा के लिए वीर सैनिकों द्वारा दिये गये सर्वोच्च बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा। सैनिकों के सम्मान के देहरादून में सैन्यधाम की स्थापना की गई है जो हमारे लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि यह विश्व का ऐसा एकमात्र युद्ध था तो भारत के सैनिकों के कुशलता को दिखाता है। काफी कम समय में ही पाकिस्तान को धूल चटा दी गई। इस युद्ध में अल्मोड़ा के 23 जवानों ने भी अपनी शहादत दी। उनकी कुर्बानी को हमेशा याद किया जाएगा। आज जो भी हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं, ये वीर सैनिकों की बदौलत ही है। इस अवसर पर जिलाधिकारी वन्दना सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, सीडीओ नवनीत पाण्डे, एडीएम चन्द्र सिंह मर्तोलिया, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी सेनि कर्नल योगेन्द्र कुमार, एसएस सांगा एवं 13 सिख के सैन्य अधिकारी कैप्टन रोहित बिष्ट आदि मौजूद थे।

इधर अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने भी शहीद जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर आनंद सिंह बोरा, केशव दत्त पांडे, रघुवीर सिंह सांगा, विनोद गिरी, प्रकाश बोरा, सुरेंद्र लाल टम्टा, हयात सिंह गैड़ा, दान सिंह बिरौडिया आदि मौजूद थे।

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