'लाइफलाइन' पर हर दो कदम पर जोखिम
जागरण टीम, रानीखेत : कुमाऊं की 'लाइफ लाइन' अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर कदम कदम पर खतरा
जागरण टीम, रानीखेत : कुमाऊं की 'लाइफ लाइन' अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर कदम कदम पर खतरा बरकरार है। हादसों के लिहाज से अतिसंवेदनशील हाईवे पर तमाम हादसों के बावजूद प्रशासन सबक नहीं ले रहा। नतीजतन, सुरक्षात्मक कार्यो के अभाव में सर्दियों में लगने वाला कोहरा जोखिम और बढ़ा देता है। विभागीय कार्यप्रणाली का आलम यह है कि पिछले सात वर्षो में पैराफिट व क्रश बैरियर के नाम पर करोड़ों रुपये बहाने के बावजूद हालात नहीं सुधरे हैं।
सर्दी की दस्तक के साथ अब कोहरे का सितम अल्मोड़ा हल्द्वानी हाईवे पर दुश्वारियां और बढ़ा देगा। एनएच प्रशासन है कि सुरक्षात्मक कार्यो में कई दुर्घटनाओं के बावजूद सुरक्षित सफर के मामले में सुस्त रवैया अपनाए है। यही वजह है कि काकड़ीघाट से क्वारब तक क्रश बैरियर व पैराफिट न होने से कोहरे में खतरा और बढ़ जाएगा।
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रेडियम पोल तक नहीं
हाईवे पर सुरक्षात्मक कार्य तो छोडि़ए डेंजर जोन पर हादसों का सबब बन रही बेतरतीब झाड़िया ही नहीं काटी जा सकी हैं। चूंकि अधिकांश स्थलों पर रेडियमयुक्त रिफ्लेक्टर या मिनी पोल नहीं लगे हैं। ऐसे में खासतौर पर घने कोहरे में रात के वक्त हादसों का डर सताता है।
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'काकड़ीघाट से क्वारब तक टू लेन के लिए करीब 60 करोड़ रुपये की डीपीआर तैयार की जा रही है। स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। जिन स्थानों पर अभी पैराफिट नहीं बने हैं वहा झाड़ियों का कटान कर सुरक्षात्मक कार्य जल्द शुरू कराएंगे।
- एलएम तिवारी, सहायक अभियंता एनएच'