ताड़ीखेत के पांच अस्पताल फार्मासिस्टों के हवाले

पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 10 Feb 2020 11:10 PM (IST) Updated:Tue, 11 Feb 2020 06:12 AM (IST)
ताड़ीखेत के पांच अस्पताल फार्मासिस्टों के हवाले
ताड़ीखेत के पांच अस्पताल फार्मासिस्टों के हवाले

संवाद सहयोगी, रानीखेत : पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था भगवान भरोसे है। कहीं चिकित्सक चढ़ने को तैयार नहीं तो कहीं विभागीय हीलाहवाली से व्यवस्थाएं बेपटरी हैं। आलम यह है कि क्षेत्र के पांच राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय फार्मेसिस्ट के भरोसे हैं। डॉक्टरों बिना ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का डंका पीटने वाली सरकार व विभाग के दावे हकीकत में खोखले साबित हो रहे हैं। बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में ग्रामीण कई किलोमीटर दूर जाने को मजबूर हैं। ताड़ीखेत ब्लॉक के सिलोर महादेव, डींगा, पीपलचौड़ा, पाखुड़ा, पिलखोली आदि गावों में स्थित राजकीय एलोपैथिक चिकित्सालय में वषरें से चिकित्सकों की तैनाती की ही नहीं गई है। विशेषज्ञ चिकित्सक न होने के कारण ग्रामीणों को चिकित्सा सुविधा का लाभ नहीं मिल रहा। गाव के अस्पताल महज फार्मासिस्ट के भरोसे हैं। चिकित्सक न होने से ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। छोटी छोटी बीमारी का इलाज कराने को भी कई किमी दूर अस्पतालों का स्ख् करना ग्रामीणों की मजबूरी बन गई है। ग्रामीणों के अनुसार कई बार चिकित्सकों की तैनाती की माग उठाई जा चुकी है बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही।

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वर्जन

'एलोपैथिक चिकित्सालयों में चिकित्सकों की वाकई कमी है। बमुश्किल फार्मासिस्टों से काम चलाया जा रहा है। उच्चाधिकारियों को पत्राचार भी किया गया है। चिकित्सकों के मिलने पर प्राथमिकता से गावों में तैनाती की जाएगी।

- डॉ. डीएस नबियाल, प्रभारी चिकित्साधिकारी पीएचसी ताड़ीखेत'

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