दूसरे दिन पकड़े गए 70 उत्पाती बंदर

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: शहरवासियों को बंदरों के बढ़ते आतंक से निजात दिलाने के लिए जिला मुख्यालय मे

By Edited By: Publish:Sat, 18 Oct 2014 11:12 PM (IST) Updated:Sat, 18 Oct 2014 11:12 PM (IST)
दूसरे दिन पकड़े गए 70 उत्पाती बंदर

जागरण संवाददाता, अल्मोड़ा: शहरवासियों को बंदरों के बढ़ते आतंक से निजात दिलाने के लिए जिला मुख्यालय में लगातार दूसरे दिन भी बंदर पकड़ो अभियान चलाया गया। बंदर पकड़ने के लिए मथुरा से बुलाई गई टीम के साथ वन विभाग तथा पालिका के कर्मचारी दिनभर जुट रहे। दूसरे दिन 70 बंदरों को पकड़ा गया। इस प्रकार दो दिनों में यहां कुल 135 बंदर पकड़े जा चुके हैं। इस प्रकार बंदरों के आंतक के त्रस्त नगरवासियों को अब आंशिक राहत मिलने लगी है।

अभी शहर के कई इलाकों में उत्पाती बंदरों का आतंक जारी है। वन विभाग व पालिका कर्मियों के संयुक्त तत्वावधान में बंदर पकड़ो अभियान अभी केवल कुछ एक हिस्सों में ही चलाया जा रहा है। इस बीच विभागीय सूत्रों के मुताबिक रविवार को अभियान को और व्यापक रूप दिया जाएगा, ताकि और अधिक उत्पाती बंदर टीम के जाल में फंस सकें और लोगों को इनके बढ़ते आतंक से राहत मिल सके।

इस बीच शनिवार को एनटीडी व एडम्स क्षेत्र में बंदर पकड़ो अभियान चलाया गया। अभियान में मथुरा की टीम के साथ डिप्टी रेंजर नितीश तिवारी, वन रक्षक जगदीश पांडे, शंकर बिष्ट व पंकज तथा पालिका रेंज के वन रक्षक रूप सिंह दिनभर अभियान में जुटे रहे। इनके अलावा पालिका सभासद मुकेश नेगी, पूर्व सभासद त्रिलोचन जोशी व तारू जोशी आदि ने भी अभियान में सहयोग दिया। इधर स्थानीय विधायक व संसदीय सचिव मनोज तिवारी व पालिकाध्यक्ष प्रकाश जोशी ने शहरवासियों को उत्पाती बंदरों के आतंक से जल्द ही पूरी तरह निजात दिलाने का भरोसा जताया है। इस बीच शहरवासियों ने स्थानीय विधायक के प्रयासों की सराहना की है।

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:::::: इनसेट

मथुरा की टीम ने दो दिन में कमाए 54 हजार

अल्मोड़ा: बंदर पकड़ने के लिए मथुरा से पहुंची टीम जमकर पैसे कमाने में लगी है। एक बंदर पकड़ने के एवज में यह टीम 400 रुपये पारिश्रमिक ले रही है। पहले दिन टीम ने कुल 65 बंदर पकड़े और दूसरे दिन यह संख्या 70 पहुंच गई। इस प्रकार चार सदस्यीय टीम ने दो दिनों में कुल 135 बंदरों को पकड़कर पिंजरे में डाला। इसके एवज में इस टीम ने दो दिनों में कुल 54 हजार रुपये कमा लिए हैं। इधर वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक टीम द्वारा पकड़े गए बंदरों को सूदूरवर्ती जंगलों में छोड़ा जा रहा है ताकि वह दुबारा शहर में प्रवेश न कर सकें।

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