Almora Seat: मतदाताओं की चुप्पी से मुकाबला बना रोचक; भाजपा गिना रही योजनाएं, कांग्रेस कर रही ये वादे

पहाड़ के मतदाता राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में चल रही हवा के अनुसार ही मतदान करता है। इन चुनावों में स्थानीय मुद्दे उतना असर नहीं करते। रोजगार और महंगाई का अंडर करंट दिखाई देने लगा है। अल्मोड़ा संसदीय सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी मैजिक खुलकर दिखा था। तब भाजपा प्रत्याशी को 64.03 प्रतिशत और कांग्रेस प्रत्याशी को 30.48 प्रतिशत ही वोट मिले थे।

By Jagran NewsEdited By: Aysha Sheikh Publish:Tue, 16 Apr 2024 10:44 AM (IST) Updated:Tue, 16 Apr 2024 10:44 AM (IST)
Almora Seat: मतदाताओं की चुप्पी से मुकाबला बना रोचक; भाजपा गिना रही योजनाएं, कांग्रेस कर रही ये वादे
Almora Seat: मतदाताओं की चुप्पी से मुकाबला बना रोचक; भाजपा गिना रही योजनाएं, कांग्रेस कर रही ये वादे

चंद्रशेखर द्विवेदी, अल्मोड़ा। अल्मोड़ा संसदीय सीट पर सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हैं, लेकिन मुकाबला भाजपा व कांग्रेस प्रत्याशी के बीच सिमटकर रह गया है। मतदाता प्रत्याशियों को देखने-सुनने के साथ ही इंटरनेट मीडिया पर भी निगाह बनाए हुए हैं। मतदाताओं का यही अंदाज मुकाबले को और रोचक बना रहा है।

क्षेत्रीय दल व निर्दलीय प्रत्याशी भी भाजपा-कांग्रेस के वोट बैंक में सेंधमारी के प्रयास में जुटे हुए हैं। अल्मोड़ा संसदीय सीट पर भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा मोदी मैजिक की ताकत के साथ खम ठोक रहे हैं। जनसभा, नुक्कड़ सभा व संवाद कार्यक्रम में पीएम मोदी के नेतृत्व व योजनाओं की बात जनता के बीच रख रहे हैं।

राम मंदिर, अनुच्छेद 370, यूसीसी, ओआरओपी और मोदी सरकार की तमाम योजनाओं को गिना रहे है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा सीएम पुष्कर सिंह धामी ही प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी प्रदीप टम्टा अभी तक स्वयं के बूते ही मोर्चे पर डटे हैं।

यद्यपि प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य जनसभा के लिए पहुंच रहे हैं और महंगाई, बेरोजगारी, वनंतरा प्रकरण को जनता के बीच रख रहे हैं। पार्टी के घोषणापत्र की गारंटियों के अलावा पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने और अग्निवीर योजना खत्म करना कांग्रेस के प्रमुख वायदे हैं। कांग्रेस की रणनीति इन मुद्दों के आम जन के बीच चर्चा को तेज करने की रही है।

महंगाई और रोजगार का अंडर करंट

पहाड़ के मतदाता राष्ट्रीय परिपेक्ष्य में चल रही हवा के अनुसार ही मतदान करता है। इन चुनावों में स्थानीय मुद्दे उतना असर नहीं करते। रोजगार और महंगाई का अंडर करंट दिखाई देने लगा है। अल्मोड़ा संसदीय सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी मैजिक खुलकर दिखा था। तब भाजपा प्रत्याशी को 64.03 प्रतिशत और कांग्रेस प्रत्याशी को 30.48 प्रतिशत ही वोट मिले थे। तब भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा ने दो लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी।

ग्रामीण क्षेत्र का दबदबा

करीब 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी वाली अल्मोड़ा सीट पर गांव-गांव प्रचार की जिम्मेदारी कार्यकर्ताओं के कंधों पर ही है, जबकि 25 प्रतिशत शहरी क्षेत्र में पोस्टर-बैनर दिख रहे हैं। इस सीट पर 45 प्रतिशत राजपूत, 23 प्रतिशत ब्राह्मण व 27 प्रतिशत दलित समुदाय है। इसके अलावा पांच फीसद में जनजाति, अल्पसंख्यक व अन्य शामिल हैं।

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