एक सीएचसी अधर में लटका, दूसरे का फीता काटा

संवाद सहयोगी, रानीखेत : स्वास्थ्य विभाग का हाल भी अजब गजब है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी)

By Edited By: Publish:Sat, 25 Jun 2016 06:59 PM (IST) Updated:Sat, 25 Jun 2016 06:59 PM (IST)
एक सीएचसी अधर में लटका, दूसरे का फीता काटा

संवाद सहयोगी, रानीखेत : स्वास्थ्य विभाग का हाल भी अजब गजब है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) ताड़ीखेत को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में उच्चीकृत तो नहीं किया जा सका, अब इसी ब्लॉक के उपराड़ी में नए सीएचसी का उद्घाटन हो गया। यह हाल तब है जब ताड़ीखेत में भावी सीएचसी के भवन निर्माण को करीब 4.35 करोड़ रुपये मंजूर किये जा चुके हैं। मगर ऐन वक्त पर शासन 1.60 करोड़ पर कुंडली मार बैठ गया। नतीजा निर्माण पर ब्रेक लग गया है। उधर उपराड़ी में बेशक सीएचसी के लिए ग्रामीणों ने जमीन दान दी है, मगर अपना भवन कब बनेगा, डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे पहाड़ में वहां मानक के अनुरूप चिकित्सक तैनात होंगे, इस पर संशय मंडराने लगा है।

दरअसल, दिसंबर 2008 में पीएचसी ताड़ीखेत को उच्चीकृत कर सीएचसी का दर्जा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने 4,35,21000 रुपये मंजूर किये थे। शुरूआत तेजी से हुई। शासन ने 2.75 करोड़ का बजट अवमुक्त भी किया। अब जबकि तमाम उतार चढ़ाव के बाद आधा से ज्यादा भवन तैयार हो गया है। मगर मूर्तरूप देने से ऐन वक्त पूर्व शासन ने शेष करीब 1.60 करोड़ रुपये रोक दिये हैं।

विभागीय सूत्रों के अनुसार इस हालात में शेष निर्माण पूरा न होने से भावी सीएचसी की उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा। इसके उलट जिला प्रभारी व स्वास्थ्य मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने उपराड़ी में किराये के भवन में सीएचसी का फीता काट उद्घाटन तो कर दिया, मगर वह कितनी जल्द धरातल पर उतरेगा, यह भविष्य के गर्भ में हैं।

== इंसेट==

आखिर कैसे मिलेगा चिकित्सा स्टाफ

रानीखेत : पर्वतीय जिलों खासतौर पर अल्मोड़ा के स्वास्थ्य विभाग की सेहत पहले ही खस्ता है। 40 राज्य ऐलोपैथिक अस्पताल फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहे हैं। नियमत: यहां एक-एक चिकित्सक की तैनाती अनिवार्य है। 20 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ऐसे हैं जहां चिकित्सक के पद तो सृजित हैं पर नसीब नहीं हो रहे। जहां तक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का सवाल है, हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। मानक के अनुसार एक सीएचसी में आठ चिकित्सक व अन्य स्टाफ की तैनाती होनी चाहिए। मगर जनपद में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बमुश्किल एक या दो चिकित्सकों के बूते चलाये जा रहे। ऐसे में नए सीएचसी उपराड़ी को सुविधा संपन्न बनाया जाना चुनौती से कम नहीं।

क्या बोले स्वास्थ्य मंत्री :::

'पीएचसी ताड़ीखेत का सीएचसी में उच्चीकरण तथा बजट में रोक कैसे लगी, इसे गंभीरता से देखेंगे। इसमें किस स्तर पर लापरवाही हुई है पता लगाया जाएगा। पहाड़ में मानक के अनुसार चिकित्सकों की तैनाती के लिए ठोस नीति बनाई गई है। उसे जल्द प्रभावी बनाएंगे।

- सुरेंद्र सिंह नेगी, स्वास्थ्य मंत्री'

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