72 गांवों में गहराया पेयजल का संकट

चौखुटिया : बढ़ती गर्मी के साथ ही कई दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी का संकट उत्पन्न हो चला

By Edited By: Publish:Thu, 28 May 2015 07:14 PM (IST) Updated:Thu, 28 May 2015 07:14 PM (IST)
72 गांवों में गहराया पेयजल का संकट

चौखुटिया : बढ़ती गर्मी के साथ ही कई दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पीने के पानी का संकट उत्पन्न हो चला है। ऐसे में लोगों के हलक सूखने लगे हैं। यही हालत यहां नैथाना देवी पंपिंग योजना से जुड़े गांवों की है। जिन्हें चौथे दिन पेयजल मुहैया हो पा रहा है। नतीजा इन गांवों के वाशिंदे पीने के पानी के संकट से जूझ रहे हैं।

चौखुटिया, भिकियासैंण व द्वाराहाट ब्लाकों के छह दर्जन गांवों को पेयजल समस्या से निजात दिलाने के लिए वर्ष 1972 में मासी बाजार के पास रामगंगा नदी से नैथाना देवी पंपिंग पेयजल योजना को स्वीकृति दी गई। जो कुछ वर्षो के भीतर बनकर तैयार हो गई। इससे दूरस्थ गांवों के ग्रामीणों को काफी राहत मिल गई, लेकिन योजना का काफी लंबा विस्तार होने से पानी की नियमित आपूर्ति नहीं हो पाई।

ग्रामीणों के बढ़ते दबाव के चलते 1992 में फेज-दो में मानिला-कमराड़ पंपिंग योजना बनी। वर्ष 2001 में क्षेत्रीय विकास समिति तल्ला दौला-पाली के बैनर तले नैथाना देवी योजना के पुनर्गठन को लेकर ग्रामीणों ने लंबा आंदोलन चलाया। इसके साथ ही तीसरे दिन सभी गांवों में पानी की सप्लाई होती रही, लेकिन इस बार गर्मी के सीजन में आपूर्ति चौथे दिन हो रही है। इससे क्षेत्र के तमाम गांवों में पानी के लिए हाहाकार मचा है।

विकास संघर्ष समिति के महामंत्री हरी राम आर्य, पूर्व प्रमुख नरेंद्र सिंह बिष्ट, राजेंद्र रौतेला, भोला दत्त, मोहन चंद्र शर्मा व पूरन सिंह समेत अन्य पदाधिकारियों ने पूर्व की भांति आपूर्ति तीसरे दिन बहाल करने की मांग की है। ऐसा न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

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