जबलपुर में कांग्रेस नेता सहित डबल मर्डर के आरोपित युवक ने पहले हाथ की नस काटी फिर किचन में फंदे पर झूल गया

लंका थाना क्षेत्र के सुसुवाही स्थित यूनियन बैंक के पास किराये के मकान में रहे रहे युवक ने शनिवार की देर रात अपने ही किचन में चाकू से नस काटा फिर फांसी का फंदा बनाकर रोशनदान

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 12 Jan 2020 04:51 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jan 2020 10:37 PM (IST)
जबलपुर में कांग्रेस नेता सहित डबल मर्डर के आरोपित युवक ने पहले हाथ की नस काटी फिर किचन में फंदे पर झूल गया
जबलपुर में कांग्रेस नेता सहित डबल मर्डर के आरोपित युवक ने पहले हाथ की नस काटी फिर किचन में फंदे पर झूल गया

वाराणसी, जेएनएन। तीन साल पहले जबलपुर (मध्यप्रदेश) में कांग्रेस नेता राजू मिश्र और हिस्ट्रीशीटर कुक्कू पंजाबी की हत्या के आरोपित 22 वर्षीय आंनद पांडेय ने शनिवार को लंका थाना क्षेत्र के सुसुवाही स्थित किराये के मकान में खुदकशी कर ली।  शनिवार देर रात घर की रसोई में चाकू से हाथ की नस काटने के बाद आनंद गमछे का फंदा बनाकर रोशनदान के सहारे झूल गया। रविवार सुबह जब मां और भाई की नींद खुली तो रसोई में खून और आंनद को रोशनदान के सहारे लटका देखकर शोर मचाया। क्षेत्रीय लोगों ने लंका पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव को उतारने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस को मौके से उसका मोबाइल फोन भी बरामद हुआ जिसे कब्जे में ले लिया। पासवर्ड होने के चलते उसे साइबर एक्सपर्ट के पास भेजा गया है ताकि मोबाइल से कुछ जानकारी हासिल हो सके। परिजनों ने पुलिस को बताया कि जेल से बाहर आने के बाद से ही वह मानसिक तनाव में था।

बलिया जिले के कोटवां नरायनपुर निवासी उपेंद्र नाथ पांडेय बेंगलुरु में एक निजी कंपनी ने सिविल इंजीनियर हैं। उनकी पत्नी गीता पांडेय अपने बड़े बेटे आनंद, छोटे बेटे अभिनव और बेटी खुशी के साथ लंका स्थित सुसुवाही में किराये के मकान में रहती हैं। आनंद के खुशकशी करने की सूचना पर पिता भी बेंगलुरु से वाराणसी को रवाना हो गए।

छह महीने तक जेल में था

जबलपुर में चार जनवरी 2017 को कांग्रेस नेता राजू मिश्र व कुक्कू पंजाबी की ताबड़तोड़ गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी। हत्या में नाम आने के बाद आनंद को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। छह महीने तक जेल में रहने के बाद आनंद जमानत पर बाहर आया।

परिवार ने की हरसंभव कोशिश

जबलपुर में राजू मिश्रा और कुक्कू पंजाबी की हत्या के मामले में जेल जाने के बाद जब आनंद बाहर निकला तो उसके हावभाव अपराधियों जैसे हो गए थे। वह नशे का आदि हो गया था। उसकी मानसिक स्थिति को समझते हुए परिवार के लोग आनंद को किसी तरह से अपराध की दुनिया के दलदल से बाहर निकालने का प्रयास करने लगे। घरवालों ने एक निजी कालेज में बीटेक के लिए प्रवेश कराया लेकिन उसका पढ़ाई में मन नहीं लगा। फेल होने पर उसने पढ़ाई छोड़ दी। बीते साल परिजनों ने आनंद का एडमिशन गाजीपुर के एक कालेज में कराया जहां से वह एलएलबी की पढ़ाई कर रहा था।

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