मौसम का बदला रुख : पूर्वांचल में देर रात ओलावृष्टि और बारिश, खेतों में बरसी मुसीबत

पूर्वांचल में मौसम आखिरकार देर रात बदल गया और अमूमन सभी जिलों में बूंदाबांदी के साथ तेज हवाओं का दौर चला। कई जिलों में बारिश और तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि भी हुई।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sun, 07 Apr 2019 11:13 AM (IST) Updated:Sun, 07 Apr 2019 03:16 PM (IST)
मौसम का बदला रुख : पूर्वांचल में देर रात ओलावृष्टि और बारिश, खेतों में बरसी मुसीबत
मौसम का बदला रुख : पूर्वांचल में देर रात ओलावृष्टि और बारिश, खेतों में बरसी मुसीबत

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में मौसम आखिरकार देर रात बदल गया और अमूमन सभी जिलों में बूंदाबांदी के साथ तेज हवाओं का दौर चला। कई जिलों में बारिश और तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि भी हुई। मौसम का रुख बदला तो वातावरण में शाम से ही ठंड घुल गई और ठंडी हवाओं का झोंका लोगों को बढ रही गर्मी से देता रहा। आधी रात को तेज गरज चमक के साथ बारिश शुरु हुई जो करीब घंटे भर तक जारी रही। सुबह बादलों की आवाजाही के बीच धूप तो खिली मगर धूप की तल्‍खी नदारद रही। 

मौसम का रुख : बीते चौबीस घंटों में मौसम का रुख काफी बदलावों से भरा रहा। इस दौरान अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्‍य से दाे डिग्री कम था। वहीं न्‍यूनतम पारा 22 डिग्री रहा जो सामान्‍य से एक डिग्री अधिक था। इस दौरान आर्द्रता अधिकतक 66 और न्‍यूनतम 45 फीसद दर्ज की गई। वहीं मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटों में बारिश होने की संभावना बनी हुई है। इसके बाद बादलों की आवाजाही का दौर सप्‍ताह भर बना रहेगा।

खेतों में नुकसान : जो फसलें कट कर खेतों से ख्‍लिहान आ चुकीं थीं उनके भीग जाने से किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा। सरसों, गेहूं, चना और मटर के साथ ही लहसुन की पैदावार भी अब प्रभावित होने की आशंका बढ़ गई है। जबकि तेज हवाआें के रुख से आम के टिकोरे भी गिरने से आम का उत्‍पादन भी प्रभावित होने की संभावना है। आसमान में बादलों की आवाजाही से किसानों की नींद उड़ गई है। खेतों में पककर तैयार खड़ी गेहूं की फसलों पर मंडराता खतरा देख कर क्षेत्र के किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। हल्की बूंदाबांदी के बाद कटी हुई फसलों का बोझ बनाते हुए किसान उनको सुरक्षित रखने की जुगत में लग गए, जबकि खेतों में काट कर रखी हुई सरसों चना मटर आदि की फसलों की मड़ाई का कार्य भी तेजी से करना शुरू कर दिए। हालांकि बादलों की आवाजाही के बीच बीच में निकल रही धूप से किसान मौसम के रुख को लेकर असमंजस में भी पड़े रहे।

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