पूर्वांचल में बादलों ने झूमकर गिराया पानी, जानिए कैसा रहेगा आने वाले सप्ताह में मौसम का हाल
शनिवार सुबह बारिश होने से मौसम का रूख बदल गया है शुक्रवार को तो काशी सहित पूर्वांचल के विभिन्न हिस्सों में बूंदाबांदी भी हुई।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल में लगातार दो दिनों से मौसम का रूख बदला हुआ है। आशाओं के अनुरुप आसमान में छाए बादल अब पानी भी गिरा रहे हैं। शुक्रवार को जहां वाराणसी सहित पूर्वांचल के विभिन्न हिस्सों में बूंदाबांदी हुई वहीं शनिवार की सुबह भी मौसम का यही हाल रहा। मौसम विज्ञानियों के अनुसार बंगाल की खाड़े में आए प्रति चक्रवात के कारण पुरुवा हवा पर्याप्त मात्रा में नमी लेकर आ रही है, जिससे यह स्थिति बनी है। वैसे यह मौसम गेहूं एवं सब्जी की फसल के लिए वरदान बनकर आया है। कारण कि कुछ दिनों पहले ही तेज पछुआ हवा चलने लगी थी, जिससे फसलों पर विपरीत असर पड़ रहा था। अगर ऐसे ही अधिक दिन तक स्थिति बनी रही तो आलू, दलहन व तिलहन की फसल को नुकसान पहुंच सकता है।
तेज पछुआ हवा के चलते अभी दो दिन पहले ही अधिकतम तापमान 29 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था, जो अक्टूबर के बाद सबसे अधिक पारा दर्ज किया गया। यही नहीं कुछ दिनों से मौसम में काफी तेजी से बदलाव भी हुआ था। फगुनाहट के कारण गेहूं की फसलों पर सूखने का भी संकट मंडराने लगा था, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। बताया जा रहा है कि बादल एवं हल्की बारिश की स्थिति 25 फरवरी तक बनी रहने की संभावना है। प्रसिद्ध मौसम विज्ञानी प्रो. एसएन पांडेय ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में आए प्रति चक्रवात के कारण पुरुवा हवा तेज हो गई है, जो काफी मात्रा में नमी लेकर आ रही है। इसके कारण पूर्वांचल में 23, 24 व 25 फरवरी तक बरसात की अधिक संभावना है। इसके बाद ही मौसम में बदलाव होगा।
घबराए नहीं किसान
कृषि विज्ञानी एवं कृषि विज्ञान संस्थान, बीएचयू के प्रो. पीके सिंह बताते हैं कि इस मौसम से किसानों को घबराने की जरूरत नहीं है। सब्जी एवं गेहूं के लिए इस तरह का मौसम फायदेमंद है। इससे गेहूं की फसल सुखेगी नहीं और इसके दाने भी बढ़ेंगे। हालांकि आलू, दलहन व तिलहन की फसल के लिए यह मौसम अच्छा नहीं कहा जा सकता है।
आकाशीय बिजली से एक की मौत
गाजीपुर में नंदगंज थाना क्षेत्र के सहेड़ी गांव में शनिवार सुबह 10 बजे के लगभग आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक किसान की मौत हो गई। सहेड़ी गांव निवासी वृद्ध विजयशंकर यादव (55) पुत्र चरित्र अपने खेत में काम कर रहे थे। इसी दौरान वह आकाशीय बिजली की चपेट में आ गये और पूरी तरह झुलस गए। जानकारी होने के बाद जब तक लोक बचाव का प्रयास करते तबतक उनकी मृत्यु हो गई थी। मौत की खबर सुनते ही परिवार के लोग घटना स्थल पर पहुंचे।