यूपी बोर्ड : माध्यमिक विद्यालयों में अब 31 अगस्त तक दाखिला, 40 फीसद ने शुल्क नहीं जमा किया

यूपी बोर्ड के संचालित माध्यमिक विद्यालयों में अब 31 अगस्त तक दाखिला लिए जा सकते हैं। नए सत्र में दाखिले की प्रक्रिया जारी है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 10 Aug 2020 06:58 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 09:34 AM (IST)
यूपी बोर्ड : माध्यमिक विद्यालयों में अब 31 अगस्त तक दाखिला, 40 फीसद ने शुल्क नहीं जमा किया
यूपी बोर्ड : माध्यमिक विद्यालयों में अब 31 अगस्त तक दाखिला, 40 फीसद ने शुल्क नहीं जमा किया

वाराणसी, जेएनएन। यूपी बोर्ड के संचालित माध्यमिक विद्यालयों में अब 31 अगस्त तक दाखिला लिए जा सकते हैं। नए सत्र में दाखिले की प्रक्रिया जारी है। कक्षा छह से नौ व ग्यारह तक दाखिले के लिए आवेदन पत्र का वितरित किए जा रहे हैं। किसी भी कार्य दिवस में दाखिले का आवेदन प्राप्त व जमा किए जा सकते हैं।

कक्षा-दस व 12वीं के संस्थागत व व्यक्तिगत परीक्षार्थी भी अब परीक्षा शुल्क 31 अगस्त तक जमा कर सकते हैं। वहीं कक्षा नौ व ग्यारह में अग्रिम पंजीकरण कराने के लिए भी छात्रों को 31 अगस्त तक मौका दे दिया गया है। जबकि संबंधित विद्यालयों कोषागार में 10वीं और 12वीं कक्षा का बोर्ड परीक्षा शुल्क अब सात सितंबर तक जमा कर सकते हैं। 100 रुपये विलंब शुल्क के साथ बोर्ड परीक्षा शुल्क 21 सितंबर तक जमा किए जा सकते हैं। कोविड-19 के प्रकोप के चलते करीब 40 फीसद विद्यार्थी अब तक शुल्क नहीं जमा किए हैं। इसे देखते हुए बोर्ड को परीक्षा शुल्क जमा करने की बढ़ानी पड़ी। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वीपी ङ्क्षसह ने बताया कि बोर्ड ने शुल्क जमा करने के लिए यह अंतिम मौका दिया है। ऐसे में विद्यार्थियों से निर्धारित अवधि के भीतर शुल्क जमा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि विद्यालय के कार्यकाल खुल रहे हैं। अध्यापक भी विद्यालय जा रहे हैं। ऐसे में विभिन्न कक्षाओं में शुल्क जमा कर दाखिला लिया जा सकता है। इस बार कोविड-19 संक्रमण की वजह से दाखिले की प्रक्रिया लेट हो रही है। आमतौर पर यह प्रक्रिया जुलाई के महीने में पूरी हो जाती थी लेकिन इस बार संक्रमण की वजह से दाखिले सहित अन्य सभी गतिविधियों में देरी हो रही है।

अनियमित नियुक्तियों की हो जांच

महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के छात्रों ने कुलपति से विश्वविद्यालय में अनियमित तरीके से अध्यापकों की नियुक्तियों की जांच कराने की मांग की है। छात्रसंघ के निवर्तमान अध्यक्ष संदीप कुमार यादव ने सोमवार को इस संबंध कुलपति कार्यालय को एक पत्रक भी सौंपा। इसमें कहा गया है कि सूबे के बाहर के होने के बावजूद एक अध्यापक को आरक्षण का लाभ देते हुए ओबीसी संवर्ग में नियुक्ति की गई है। इसकी भी जांच कराई जाय।

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