36 दिन में 16 करोड़ रुपये का लेन-देन, वाराणसी जिला प्रशासन व डाक विभाग के प्रयास से हुआ यह संभव

वाराणसी जिला प्रशासन के सहयोग से प्रधान डाकघर ने लॉकडाउन के दौरान लोगों तक नकदी पहुंचाने के लिए पुरानी योजना पर काम किया जिसका परिणाम उत्साह बढ़ाने वाला साबित हुआ है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 02 May 2020 08:30 AM (IST) Updated:Sat, 02 May 2020 06:15 PM (IST)
36 दिन में 16 करोड़ रुपये का लेन-देन, वाराणसी जिला प्रशासन व डाक विभाग के प्रयास से हुआ यह संभव
36 दिन में 16 करोड़ रुपये का लेन-देन, वाराणसी जिला प्रशासन व डाक विभाग के प्रयास से हुआ यह संभव

वाराणसी, जेएनएन। जिला प्रशासन के सहयोग से प्रधान डाकघर ने लॉकडाउन के दौरान लोगों तक नकदी पहुंचाने के लिए पुरानी योजना पर काम किया जिसका परिणाम उत्साह बढ़ाने वाला साबित हुआ है। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आइपीपीबी) के तहत आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) डाक विभाग की पुरानी योजना है। हालांकि मौजूदा हालात में इस योजना ने उपयोगिता साबित करते हुए सभी को आकर्षित किया है।

शहरी क्षेत्र में प्रशासन संग तालमेलकर डाक विभाग ने इस योजना से लोगों तक कम से कम 10 हजार रुपये पहुंचाना शुरू किया। इसके लिए शर्त यह कि व्यक्ति का किसी भी बैंक में खाता हो। साथ ही उससे आधार व मोबाइल नंबर लिंक होना चाहिए।

प्रतिदिन छह-सात हजार ट्रांजेक्शन

 इस सेवा के जरिए वाराणसी परिक्षेत्र में 25 मार्च से 29 अप्रैल (36 दिन) में 16 करोड़ 64 लाख का भुगतान हुआ। यह आंकड़ा लॉकडाउन के पूर्व के दिनों से बहुत ज्यादा है। लॉकडाउन की एक माह से ज्यादा अवधि के दौरान प्रतिदिन औसतन ट्रांजेक्शन छह से सात हजार रहा। इस पर प्रतिदिन डेढ़ करोड़ का भुगतान हुआ। वहीं, 13 अप्रैल से यह योजना जिला प्रशासन के सहयोग से चल रही है। बीते 29 अप्रैल को तो इस योजना के माध्यम से दो करोड़ से ज्यादा भुगतान किया गया। योजना के नोडल अधिकारी सहायक निदेशक शंभूू राय के अनुसार कैंट प्रधान डाकघर स्थित नियंत्रण कक्ष से भुगतान लेने वाले का डिटेल लॉगबुक में नोट किया जाता है।

लॉकडाउन शुरू होने पर 25 लाख रुपये प्रतिदिन औसतन भुगतान किया गया

लॉकडाउन शुरू होने पर 25 लाख रुपये प्रतिदिन औसतन भुगतान किया गया। कुछ दिन बाद इसमें बढ़ोतरी होने लगी। बीते बुधवार को दो करोड़ से ज्यादा के भुगतान से जाहिर होता है कि जनता ने डाक विभाग की इस सुविधा को तेजी से अपनाया है। यह सेवा रविवार को भी दी जा रही है। गांवों में मुख्य विकास अधिकारी के सहयोग से डाइरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) सेवा उपलब्ध है। इसके माध्यम से छोटे खाताधारकों सहित पेंशनर्स को भी सुविधाएं मिल रहीं हैं।

प्रणव कुमार, पोस्टमास्टर जनरल, वाराणसी परिक्षेत्र।

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