भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्‍थली सारनाथ में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का मना 86 वां जन्म दिन

तिब्बतियों के धर्मगुरु परम् पावन दलाई लामा का 86 वां जन्म दिन मंगलवार को सारनाथ स्थित केंद्रीय तिब्बती उच्च शिक्षा संस्थान में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष धूप जला कर अच्छे स्वास्थ्य के लिए विशेष पूजा की गई और उनके चित्र पर खाता अर्पित किया गया।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 06 Jul 2021 05:14 PM (IST) Updated:Tue, 06 Jul 2021 05:14 PM (IST)
भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्‍थली सारनाथ में तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा का मना 86 वां जन्म दिन
धूप जला कर अच्छे स्वास्थ्य के लिए विशेष पूजा की गई और उनके चित्र पर खाता अर्पित किया गया।

जागरण संवाददाता वाराणसी। तिब्बतियों के धर्मगुरु परम् पावन दलाई लामा का 86 वां जन्म दिन मंगलवार को सारनाथ स्थित केंद्रीय तिब्बती उच्च शिक्षा संस्थान में भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष धूप जला कर अच्छे स्वास्थ्य के लिए विशेष पूजा की गई और उनके चित्र पर खाता अर्पित किया गया।

संस्थान के काल चक्र मंडप परिसर में सुबह 7.30 बजे कुलपति प्रो. नवांग समतेन को अध्यक्षता में सभी तिब्‍बती समुदाय व बौद्ध भिक्षुओं ने परम् पावन दलाई लामा के फोटो चित्र पर खाता अर्पित कर उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए विशेष पूजा की गयी। इस मौके पर भगवान बुद्ध की प्रतिमा पर मंडल अर्पण कर लगभग एक घण्टे तक पूजा चली। इस दौरान कोविड के नियमों का पूरा ध्यान रखा गया।

इस मौके पर दशाश्वमेध घाट पर गरीबो में अन्न दान व मछलियों को गंगा में स्वच्छंद विचरण के लिए छोड़ा गया।

इस मौके पर प्रो. लोबसंग तेनजिंग, प्रो. वांगचुक दोरजे नेगी, शिडोंन, डॉ. नवांग टेम्फेल, खेम्बो संगा तेनजिंग सहित अन्य बौद्ध भिक्षु शामिल थे। जानकारी के अनुसार परम् पावन दलाई लामा का जन्म 6 जुलाई 1935 में तिब्बत के आंमदो प्रान्त में हुआ था। तिब्बत से वर्ष 1959 में भारत आ गए। तिब्बतियों के धर्मगुरु परम् पावन दलाई लामा के जन्म दिन के मौके सारनाथ के केंद्रीय उच्च तिब्बती शिक्षा संस्थान में पूजा करते बौद्ध भिक्षु।

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