Varanasi में तीन घंटे की खुली हवा से फेफड़ों की क्षमता में होती है 15 फीसद गिरावट

दुनियाभर में हुईं सबसे ज्यादा मौतों में प्रदूषण का चौथा स्थान है। स्टेट आफ ग्लोबल एयर द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 में वायु प्रदूषण से 67 लाख लोगों की मौत हुई है जिसमें भारत के 16 लाख लोग शामिल हैं।

By saurabh chakravartiEdited By: Publish:Thu, 19 Nov 2020 08:10 AM (IST) Updated:Thu, 19 Nov 2020 09:59 AM (IST)
Varanasi में तीन घंटे की खुली हवा से फेफड़ों की क्षमता में होती है 15 फीसद गिरावट
वाराणसी में गंगा घाटों पर छाया स्माग।

वाराणसी, जेएनएन। दुनियाभर में हुईं सबसे ज्यादा मौतों में प्रदूषण का चौथा स्थान है। स्टेट आफ ग्लोबल एयर द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार साल 2019 में वायु प्रदूषण से 67 लाख लोगों की मौत हुई है, जिसमें भारत के 16 लाख लोग शामिल हैं। बुधवार को सीओपीडी (क्रानिक आब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) दिवस के मौके पर एक आनलाइन प्रेस कांफ्रेंस करके यह जानकारी ब्रेथ ईजी टीबी चेस्ट, एलर्जी केयर अस्पताल के श्वांस रोग विशेषज्ञ डा. एस के पाठक ने दी।

उन्होंने बताया कि उनके एक शोध से यह पता चला है कि वाराणसी की खुली हवा में 2-3 घंटे चलने पर फेफड़ो की कार्य क्षमता में 10-15 प्रतिशत तक का गिरावट होती है। विश्व सीओपीडी दिवस प्रदूषण से बचाव में जागरूकता बढाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। इस रोग का जोखिम तब ज्यादा बढ़ता है, जब हम तंबाकू के सक्रिय धुएं (धूम्रपान) व उसके निष्क्रिय धुएं (निष्क्रिय धूमपान) के प्रत्यक्ष संपर्क में आते हैं। इसके अलावा घर के अंदर और बाहर जैसे कि जैव ईंधन और ताप (हीटिंग) के प्रदूषण समेत धूल और रसायनों से भी इस रोग में वृद्धि होती है। सीओपीडी ग्रस्त लोगों में सांस की नलियों में ब्लाकेज या कम लचीले होने से फेफड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित होने लगती है।

डा. पाठक के अनुसार धूमपान करने वाले अस्थमा के रोगियों को सीओपीडी से पीडि़त होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। दुनिया भर में इसके करीब 21 करोड़ मरीज हैं। इससे बचाव के लिए उन्होंने बताया कि नमक की जगह पर हर्ब्‍स का प्रयोग करें, जैसे- काली मिर्च, पुदीना इत्यादि। वहीं पोटैशियम के लिए टमाटर, केला, हरी पत्तेदार सब्जियां लें व चीनी से परहेज करें। इसके साथ ही साबूत अनाज, छिलके वाली दाल, ओट्स, साग आदि का प्रयोग बढ़ा दें।

chat bot
आपका साथी