ज्ञानवापी मस्जिद मामले में बार- बार समय मांगने पर अंजुमन इंतेजामिया कमेटी पर जिला जज ने लगाया जुर्माना

Gyanvapi Masjid case hearing ज्ञानवापी मस्जिद मामले की गुरुवार की दोपहर दो बजे से सुनवाई हुई। इस बाबत मुस्लिम पक्ष की ओर से अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के मुख्य अधिवक्ता अभयनाथ यादव के निधन की वजह से पखवारे भर का समय मांगा गया था।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Thu, 18 Aug 2022 08:14 AM (IST) Updated:Thu, 18 Aug 2022 03:01 PM (IST)
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में बार- बार समय मांगने पर अंजुमन इंतेजामिया कमेटी पर जिला जज ने लगाया जुर्माना
ज्ञानवापी मामले की अदालत में दोपहर दो बजे से सुनवाई हुई।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। ज्ञानवापी प्रकरण लगभग एक पखवारे बाद दोबारा जिला जज की अदालत में सुनवाई के लिए पहुंचा है। अब गुरुवार 18 अगस्‍त को तय समय दोपहर बाद करीब दो बजे इस मामले की सुनवाई शुरू होगी। ज्ञानवापी मस्जिद मामले को अदालत में देख रही मुस्लिम पक्ष की ओर से अंजुमन इंतजामिया कमेटी के मुख्‍य अधिवक्‍ता अभयनाथ यादव का निधन होने के बाद से ही मुस्लिम पक्ष के सामने असमंजस की स्थिति आ गई थी। इस लिहाज से अदालत से इस मामले की सुनवाई के लिए समय मांगा गया था। जिसपर अदालत ने लगभग पखवारे भर बाद 18 अगस्‍त का समय मुस्लिम पक्ष को दिया था। 

अदालत नाराज : ज्ञानवापी-शृंगार गौरी प्रकरण मुकदमा 693/2021 (18/2022) राखी सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य की अगली सुनवाई 22 अगस्त 2022 सुनिश्चित हुई। प्रतिवादी संख्या चार अंजुमन इंतजामया मस्जिद कमेटी के ऊपर न्यायालय ने 500 रुपये का जुर्माना लगाया। बार- बार समय मांगने पर जिला जज नाराज हो गए। अंजुमन ने दस दिन का समय मांगा था।

ज्ञानवापी मामले में दलील जारी : ज्ञानवापी प्रकरण में शृंगार गौरी केस की सुनवाई गुरुवार को जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में हुई। पिछली तारीख पर प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया कमेटी के मुख्य अधिवक्ता अभयनाथ यादव के निधन होने से प्रतिवादी की ओर से पंद्रह दिन का समय मांगा गया था। इस पर कोर्ट ने 18 अगस्त की तिथि नियत की थी। अदालत में शृंगार गौरी के दर्शन-पूजन की मांग को लेकर वादी राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने गुहार लगाई थी। प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद ने प्रार्थनापत्र देकर वाद सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर सवाल उठाया है। मामले में सभी पक्षकारों ने अदालत के समक्ष अपना पक्ष प्रस्तुत कर लिया है। वादी पक्ष की ओर से प्रस्तुत की गईं दलीलों पर मस्जिद पक्ष की ओर से आपत्ति दाखिल की जानी थी।

यह था पूरा प्रकरण : उच्चतम न्यायालय के आदेश पर जिला जज की अदालत में सुनवाई चल रही है। 26 मई से शुरू सुनवाई में चार तिथि पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से सिविल प्रक्रिया संहिता आदेश 07 नियम 11 (मेरिट) के तहत केस को खारिज करके लिए बहस की गई। इसके बाद वादी अधिवक्ताओं की ओर से बहस की गई है। चार अगस्त को प्रतिवादी की ओर से इन दलीलों का जवाब दाखिल करना था। तारीख के दो दिन पहले हृदयगति रुकने के कारण प्रतिवादी अधिवक्ता अभयनाथ का निधन हो गया। इसके बाद चार अगस्त को कोर्ट से जवाब देने के लिए समय मांगा गया था। इस पर कोर्ट ने सुनवाई के लिए 18 अगस्त की तिथि नियत कर दी थी।

मुस्लिम पक्ष की नए सिरे से तैयारी : मुख्‍य अधिवक्‍ता अभयनाथ यादव ने ही अदालत में केस की पोषणीयता पर सवाल उठाते हुए बहस की थी और सुनवाई न किए जाने के पक्ष में तथ्‍य और तर्क रखे थे। अब उनके निधन के बाद ज्ञानवापी और मां श्रृंगार गौरी मामले में एक पखवारे के बाद दोबारा सुनवाई जिला जज ए.के विश्वेश की अदालत में हो रही है। केस की पोषणीयता पर चल रही बहस के बीच हिंदू पक्ष की दलीलें पूरी हो चुकी हैं। इस मामले में मुस्लिम पक्ष की तरफ से रिजॉइंडर डाला जाएगा। 

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