Mirzapur में SIT के रडार पर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की डिग्री पर बने शिक्षक

मीरजापुर जिले में संपूर्णानंद संस्कृत विश्व विद्यालय की डिग्री पर शिक्षक बनने वाले लोग एसआइटी की रडार पर हैं। ऐसे नियुक्त शिक्षकों का विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने बेसिक शिक्षा निदेशक से सत्यापन का ब्यौरा तलब किया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Tue, 27 Oct 2020 04:30 AM (IST) Updated:Tue, 27 Oct 2020 09:31 AM (IST)
Mirzapur में SIT के रडार पर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की डिग्री पर बने शिक्षक
मीरजापुर जिले में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की डिग्री पर शिक्षक बनने वाले एसआइटी की रडार पर हैं।

मीरजापुर, जेएनएन। जिले में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की डिग्री पर शिक्षक बनने वाले एसआइटी की रडार पर हैं। ऐसे नियुक्त शिक्षकों का विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) ने बेसिक शिक्षा निदेशक से सत्यापन का ब्यौरा तलब किया है। वर्तमान समय में जिले में लगभग 37 शिक्षक संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय की डिग्री पर नौकरी कर रहे हैं।

पुलिस उप महानिरीक्षक विशेष अनुसंधान दल (एसआइटी) जे. रविंदर गौड़ ने बेसिक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर ऐसे शिक्षकों का विवरण व सत्यापन रिपोर्ट मांगा है। एसआइटी द्वारा सत्यापन रिपोर्ट मांगने के बाद शिक्षा निदेशक बेसिक ने प्रदेश के सभी बीएसए को पत्र भेजकर मूल सत्यापन आख्या उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। एसआइटी द्वारा वर्ष 2004 से 2014 के बीच संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से बीएड करके शिक्षक बनने वाले लोगों की जांच की जा रही है।

एसआइटी द्वारा सत्यापन आख्या मांगने से जनपद सहित प्रदेश भर में संपूर्णानंद विश्वविद्यालय से अध्ययन कर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की धड़कनें बढ़ गई है। वर्तमान समय में परिषदीय विद्यालयों में 69000 रिक्त पदों के सापेक्ष प्रथम चरण में 31277 सहायक अध्यापकों के भर्ती की प्रक्रिया चल रही है, इसमें भी संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से बीएड करने वाले अभ्यर्थी भी शिक्षक बन रहे हैं। ऐसे में इन शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच भी एक चुनौती होगी।

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