वाराणसी में होमी भाभा कैंसर अस्पताल में तैयार हो रहा टीबी व फंगस लैब, मरीजों का होगा बेहतर उपचार

कैंसर मरीजों में ऐसे संक्रमण की जांच के लिए लहरतारा स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल में टीबी व फंगस लैब स्थापित किया जा रहा है। संक्रमण की समय से जांच व तत्काल इलाज उपलब्ध होने से मृत्युदर में कमी लायी जा सकेगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 02 Nov 2020 09:07 PM (IST) Updated:Mon, 02 Nov 2020 09:07 PM (IST)
वाराणसी में होमी भाभा कैंसर अस्पताल में तैयार हो रहा टीबी व फंगस लैब, मरीजों का होगा बेहतर उपचार
वाराणसी, लहरतारा स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल में टीबी व फंगस लैब स्थापित किया जा रहा है।

वाराणसी, जेएनएन। कानपुर के 58 वर्षीय कैंसर मरीज का बीएचयू अस्पताल में 20 दिन पहले आपरेशन किया गया। दस दिन बाद संक्रमण की वजह से हालत गंभीर हुई और फिर उनकी मौत हो गई। अयोध्या निवासी 55 वर्षीय पैंक्रियाज कैंसर से पीडि़त महिला का इलाज होमी भाभा कैंसर अस्पताल से चल रहा था। लाकडाउन में महिला का इलाज ठीक से नहीं हो पाया और संक्रमण ने उनकी जान ले ली। ये तो महज दो उदाहरण हैं, लेकिन कैंसर के ऐसे बहुत से मरीज हैं जो टीबी, फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण के चलते दम तोड़ देते हैं। मगर अब कैंसर मरीजों में ऐसे संक्रमण की जांच के लिए लहरतारा स्थित होमी भाभा कैंसर अस्पताल में टीबी व फंगस लैब स्थापित किया जा रहा है। संक्रमण की समय से जांच व तत्काल इलाज उपलब्ध होने से मृत्युदर में कमी लायी जा सकेगी।

अस्पताल के माइक्रोबायलाजी विभाग के डा. राहुल सरोदे के मुताबिक कैंसर व बोन मैरो ट्रांसप्लांट के मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहद कमजोर होती है। ऐसे में इलाज के दौरान कई बार मरीजों को टीबी, फंगल या बैक्टीरियल इंफेक्शन होने की आशंका रहती है। यह संक्रमण कैंसर मरीजों के लिए बेहद घातक होते हैं और मरीज की मौत का कारण तक बन जाते हैं। लैब शुरू होने पर समय रहते कैंसर मरीजों में इन बीमारियों की जांच हो सकेगी और तत्काल बेहतर इलाज उपलब्ध कराते हुए उनकी जान बचाई जा सकेगी।

सीएआर फंड के तहत रायबरेली के पूर्व विधायक सुरेंद्र बहादुर ङ्क्षसह ने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर सेंटर व होमी भाभा कैंसर अस्पताल को 1.23 करोड़ रुपये दान किए हैं। इसी धनराशि की सहायता से होमी भाभा कैंसर अस्पताल में लैब स्थापित किया जा रहा है। नए साल में बनारस ही नहीं पूर्वांचल के कैंसर मरीजों को यह सौगात मिलने की संभावना है।

बनारस में कैंसर की स्थिति

क्षेत्र              पुरुष        महिला

शहरी क्षेत्र         492      349   

आराजीलाइन       71       72

बड़ागांव              76       60

चिरईगांव           61       63

चोलापुर             49       42

हरहुआ              66       58

काशीविद्यापीठ 120      82

ङ्क्षपडरा             65      80

सेवापुरी            58        43

बनारस में कैंसर से होने वाली मौतें

क्षेत्र             पुरुष        महिला

शहरी क्षेत्र       126      77    

आराजीलाइन    29      43

बड़ागांव           40       20

चिरईगांव         31       34

चोलापुर           40       37

हरहुआ             41       30

काशीविद्यापीठ 52       33

ङ्क्षपडरा          35       36

सेवापुरी           33       23

(नोट : आंकड़े वर्ष 2017 के अध्ययन के आधार पर कैंसर अस्पताल की ओर से उपलब्ध कराए गए हैं)

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