तंत्र के गण : सोनभद्र के 23 युवाओं की टोली ने कोरोना काल के 46 दिन सवा लाख को कराया भोजन
सोनभद्र के 23 युवाओं की टोली ने इसे साबित कर दिया। गरीब व असहायों को हर रविवार निश्शुल्क भोजन कराने वाले व्यवसायी पुनीत जैन व उनकी टीम ने कोरोना काल के दौरान जो मेहनत की वह जेहन में अब भी तरोताजा है।
सोनभद्र [अब्दुल्लाह] । जहां चाह वहीं राह, यह बातें सदियों पुरानी है, लेकिन जिले के 23 युवाओं की टोली ने इसे साबित कर दिया। गरीब व असहायों को हर रविवार निश्शुल्क भोजन कराने वाले व्यवसायी पुनीत जैन व उनकी टीम ने कोरोना काल के दौरान जो मेहनत की वह जिले के लोगों के जेहन में अब भी तरोताजा है। लाकडाउन में सेवादारों की रसोई बंद होने के बाद इस टीम ने आमजन का सहयोग करने के लिए नया बीड़ा उठाया। लाकडाउन के एक-दो नहीं बल्कि पूरे 46 दिन तक इस टीम ने जिला मुख्यालय व आसपास के क्षेत्रों में बने क्वारंटाइन सेंटर में आए लोगों को खाना खिलाने का संकल्प लिया और इसकी जानकारी जिला प्रशासन को दी। इसके बाद क्या इन युवाओं की टोली न रुकी,न थकी और करती गई जनसेवा। ऐसा नहीं कि इस दौरान इनके सामने समस्या नहीं आई। टीम के दो साथी कोरोना पाजिटिव भी हुए, लेकिन अपनी हिम्मत नहीं हारी। नगर-नगर, गांव-गांव जाकर सैनिटाइज के साथ उन्हेंं सूखा व बना खाना परोसा और जीत लिया दिल पूरे सोनांचल का।
बाहर निकलने को लेकर चिंतित हो उठे परिजन
पुनीत जैन यह नाम सोनभद्र के लिए नया नहीं है। एक सफल उद्यमी के साथ-साथ जनसरोकार में सबसे आगे रहने वाले व्यक्ति हैं। ऐसा नहीं कि यह सिर्फ अकेले रहते हैं, इनके साथ इनकी एक बड़ी टीम है जिसके सदस्यों की संख्या 23 है। कोरोना संक्रमण से पहले जिले के प्रमुख स्थानों पर हर रविवार निश्शुल्क गरीब व असहायों को भरपेट भोजन कराने का कार्य इनकी टीम द्वारा किया जाता था। इसी दौरान देश के अंदर कोरोना महामारी का प्रवेश हुआ। 25 मार्च को पूरे देश में लाकडाउन का आदेश हुआ। टीम के सभी सदस्य घरों में क्वारंटाइन हो गए। इस दौरान लगातार सड़कों पर घूमते व भूखे लोगों की खबर अखबारों में पढ़कर इस टीम का मन सेवा के लिए मचलने लगा। बीमारी को लेकर बने खौफ को याद करते पुनीत जैन ने बताया कि जब उन्होंने अपनी टीम के वाट्सएप ग्रुप में बाहर निकलकर लोगों के सहयोग की इच्छा रखी तो सभी ने एक स्वर में हां कहा। इस दौरान एक समस्या उनके सामने आयी कि घर के लोगों को कैसे मनाया जाए। परिजन उनके बाहर निकलने को लेकर चिंतित हो उठे, काफी समझाने के बाद वह माने।
अपनी बचत से खर्च किये पैसे
लाकडाउन के दौरान सोनभद्र में बने सबसे बड़े क्वारंटाइन सेंटर संत कीनाराम, राजा शारदा महेश इंटर कालेज, राजकीय बालिका इंटर कालेज, विमला इंटर कालेज व संत जेवियर्स उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को बनाया गया। इन सेंटरों में जितने भी लोग रहे उन्हेंं खाना खिलाने का संकल्प इस टीम ने लिया। इसके लिए पैसे की जरूरत थी। पुनीत जैन ने इस दौरान अपने पास व कुछ चुनिंदा लोगों से करीब 15 लाख रुपये एकत्रित किया।
यह एक टीम वर्क था
यह एक टीम वर्क था। निश्चित रूप से उस दौर को याद करके सुकून महसूस होता है, हम लोग आमजन के काम आए। हमारी युवाओं की टीम भविष्य में भी इस तरह की जनसेवा के लिए हमेशा आगे रहेगी।
- पुनीत जैन।