Ballia में एयरफोर्स के जवान का बयान दर्ज होने के बाद बढ़ेगी 'हनी ट्रैप' जांच की रफ्तार

पुलिस को 20 अक्‍टूबर तक इंतजार करना पड़ेगा। इस मामले में दो गवाहों ने चुप्पी साध रखी है तो दूसरी ओर जांच को लेकर गंभीरता का भी दौर है। फिलहाल इस मामले में सीमित आधार हैं। बताते चलें कि जवान ने चार खाताें में 12.50 लाख रुपये भेजे थे।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 09:52 AM (IST)
Ballia में एयरफोर्स के जवान का बयान दर्ज होने के बाद बढ़ेगी 'हनी ट्रैप' जांच की रफ्तार
दो गवाहों ने चुप्पी साध रखी है तो दूसरी ओर जांच को लेकर गंभीरता का भी दौर है।

बलिया, जागरण संवाददाता। एयरफोर्स से जुड़े जवान संग हनी ट्रैप मामले की जांच पड़ताल का दौर अब शुरू होने जा रहा है। हालांकि, इस मामले में पुलिस को 20 अक्‍टूबर तक इंतजार करना पड़ेगा। इस मामले में दो गवाहों ने चुप्पी साध रखी है तो दूसरी ओर जांच को लेकर गंभीरता का भी दौर है। फिलहाल इस मामले में सीमित आधार हैं। बताते चलें कि जवान ने चार खाताें में 12.50 लाख रुपये भेजे थे।

उभांव थाना के मोलनापुर गांव से जुड़े एयरफोर्स जवान के हनी ट्रैप मामले में पुलिस के पास फिलहाल जांच के सीमित आधार हैं। मामले में अब तक दो गवाहों ने चुप्पी साध रखी है। पीड़ित एयरफोर्स जवान के बयान पर पूरे जांच का आधार टिका है। पुलिस को उसके आने का इंतजार है। जवान के 20 अक्टूबर तक पुलिस के समक्ष साक्ष्य के साथ बयान दर्ज कराने की उम्मीद जताई जा रही है।

उभांव थाना पुलिस ने मामले में कथित पीड़ित से दो गवाहों से संपर्क किया। इनमें एक ने किसी भी तरह ब्लैकमेलिंग के मामले से इंकार किया। जबकि दूसरे ने मोबाइल से आरोपितों को सिर्फ जानने भर की बात कहकर पीछा छुड़ा लिया। दोनों गवाहों ने किसी भी तरह के खुलासे से सीधे चुप्पी साध ली है। इसके कारण मामले में रहस्य गहरा गया है। हनी ट्रैप के शिकार उभांव थाना के मोलनापुर गांव निवासी धर्मेंद्र राजभर एयरफोर्स में पश्चिम बंगाल कलाईकुंडा में कारपोरल पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने मोलनापुर के ही करीब 20 लोगों पर गिरोह के रूप में हनी ट्रैप करने और साढ़े 12 लाख रुपये की धनउगाही का आरोप लगाया है। उन्होंने चार बैंक खातों में पैसे भेजेन की बात कही है।

लेना पड़ा आठ लाख का लोन : ब्लैकमेलरों के जाल में फंसकर धर्मेद्र उनकी मांगें पूरी करता रहा। साढ़े 12 लाख रुपये की रकम चार खातों में भेज दी। इसमें आठ रुपये का लोन भी लेना पड़ा था।

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