बाढ़ का हाल : वाराणसी सहित अन्य जिलों में भी गंगा का जल स्तर लगातार घटने से कुछ राहत
वाराणसी सहित अन्य जिलों में भी गंगा का जल स्तर लगातार घटते जा रहा है। बुधवार की शाम को छह बजे घटकर गंगा 70.66 मीटर पर आ गईं थी।
वाराणसी, जेएनएन। वाराणसी सहित अन्य जिलों में भी गंगा का जल स्तर लगातार घटते जा रहा है। बुधवार की शाम को छह बजे घटकर गंगा 70.66 मीटर पर आ गईं थी। इससे पहले सुबह आठ बजे यह आंकड़ा 70.80 मीटर था। वैसे घटाव की रफ्तार में जरूर अंतर आया है।
लगातार एक सप्ताह बढ़ोतरी के बाद गंगा अब तीन दिनों से तेजी से घट रही हैं। मंगलवार की सुबह में वाराणसी में गंगा का जलस्तर 71.46 मीटर पर था। हालांकि उस दिन घटाव की रफ्तार प्रति घंटे तीन सेमी थी, लेकिन बुधवार को रफ्तार घटकर प्रति घंटे दो सेमी हो गई। घटाव से गंगा एवं वरुणा किनारे सबसे निचले हिस्सों में घर बनाने लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली हैं।
अब धीरे-धीरे उनकी जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है। बता दें कि इस साल शनिवार को गंगा सबसे उच्चतम स्तर यानी 71.95 मीटर तक पहुंच गईं थी। इसके कारण सबसे ज्यादा परेशानी वरुणा एवं गंगा किनारे सबसे निचले हिस्सों में बसे लोगों को हुई, उनके घरों में पानी घुस गया। इसके कारण हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा था। केंद्रीय जल आयोग के अधीक्षण अभियंता रवींद्र सिंह के अनुसार फाफामऊ- प्रयागराज के साथ ही मीरजापुर, वाराणसी, गाजीपुर व बलिया में भी गंगा का जलस्तर घटाव पर है। गुरुवार को भी घटाव की स्थिति बनी रहने की उम्मीद है।
जल स्तर में घटाव
जनपद बुधवार गुरुवार स्थिति
वाराणसी 70.90 70.50 घटाव
गाजीपुर 63.86 63.45 घटाव
बलिया 59.73 59.48 घटाव
मंत्री ने बाढग़्रस्त इलाकों के सफाई का दिया निर्देश
सूबे के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्टाम्प, न्यायालय शुल्क व पंजीयन रवींद्र जायसवाल ने बुधवार को बाढग़्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। पानी में घटाव के कारण जगह-जगह कूड़ा और गंदगी पसरी है। इसे तत्काल साफ करा कर चुना और गमक्सिन के छिड़काव का निर्देश नगर स्वास्थ्य अधिकारी व नगर आयुक्त को दिया। मंत्री दोपहर वरुणा के तटवर्ती इलाकों चौहान बस्ती, पुलकोहना, पंचक्रोशी सिधवा घाट, शैलपुत्री, नक्खीघाट आदि क्षेत्रों का भ्रमण किये। इस दौरान एसीएम तृतीय मदन मोहन, नायब तहसीलदार साथ थे। मंत्री ने बाढ़ पीडि़तों में पूड़ी, सब्जी, पानी, ब्रेड, बिस्किट, दवा का वितरण किया। इस दौरान बाढ़ पीडि़तों की शिकायत की थी कि उन्हें सूखा अनाज नहीं प्राप्त हो रहा है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि बाढ़ पीडि़तों में सूखे अनाज का विरतण किया जाए। निरीक्षण के दौरान बाढ़ के पानी से कई मकान धंसे पाए गए थे। कई क्षतिग्रस्त हो गए थे। ऐसे मकानों को चिन्हित कर मुआवजा देने का निर्देश दिया।