वाराणसी में आइपीडीएस के दूसरे चरण की मियाद पूरी, काम अभी भी 25 फीसद शेष

काशी शहर के सात रूटों पर आइपीडीएस (एकीकृत ऊर्जा विकास योजना) के तहत दूसरे चरण में अंडर ग्राउंड विद्युतीकरण का काम अभी भी पूरा नहीं हो पाया है। सोमवार तक ओवरहेड लाइन उतारने एवं खंभे हटाने का कार्य 25 फीसद बाकी था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 31 Mar 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 31 Mar 2021 08:48 AM (IST)
वाराणसी में आइपीडीएस के दूसरे चरण की मियाद पूरी, काम अभी भी 25 फीसद शेष
आइपीडीएस के तहत दूसरे चरण में अंडर ग्राउंड विद्युतीकरण का काम अभी भी पूरा नहीं हो पाया है।

वाराणसी, जेएनएन। काशी शहर के सात रूटों पर आइपीडीएस (एकीकृत ऊर्जा विकास योजना) के तहत दूसरे चरण में अंडर ग्राउंड विद्युतीकरण का काम अभी भी पूरा नहीं हो पाया है। सोमवार तक ओवरहेड लाइन उतारने एवं खंभे हटाने का कार्य 25 फीसद बाकी था। इस कार्य को पूरा करने की अंतिम अवधि 31 मार्च ही है। ऐसे में कार्यदायी संस्था टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड पर 10 फीसद अर्थ दंड लगना तय हो गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर शहर की बिजली आपूर्ति बेहतर करने के लिए भूमिगत लाइन डाली जा रही है। प्रथम चरण में शहर के कबीरनगर, खोजवा, भेलूपुर आदि क्षेत्रों में लटकते तार की समस्या खत्म हो गई है। इस क्षेत्र में लाइन लॉस में काफी कमी आई। कारण कि बिजली चोरी काफी हद तक खत्म हो गई है। वहीं इस क्षेत्र के उपभोक्ताओं को लोकल फाल्ट एवं लो-वोल्टेज की समस्या से भी छुटकारा मिल गया है। इसके बाद दूसरे चरण में कचहरी, इंग्लिशिया लाइन, मलदहिया, कैंट, संत अचलानंद आदि क्षेत्रों में यह व्यवस्था की जानी है। इन क्षेत्रों में भूमिगत केबलिंग का कार्य टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को दिया गया। कंपनी ने दिसंबर 2019 में ही कार्य पूरा करना का जिम्मा ले लिया, लेकिन महज कुछ प्रतिशत ही कार्य हो पाया। इसके बाद अधिकारियों ने मेहरबानी दिखाते हुए कंपनी को फिर से दिसंबर 2020 तक की मोहलत दे दी । बावजूद इसके कंपनी ने कार्य पूरा नहीं किया। फिर से मार्च 2021 तक का समय बढ़ा दिया गया, लेकिन अभी भी कार्य पूरा नहीं हो पाया है, जबकि एक ही दिन शेष रह गया है।

दूसरे चरण का कार्य

आइपीडीएस के तहत दूसरे चरण में लहुराबीर क्षेत्र में 33 केवी एक लाइन अंडर ग्राउंड की गई। इसकी दूरी 1.5 किलोमीटर है। इसके अलावा 11 हजार की 8772 किमी एवं एलटी लाइन 368 किलोमीटर डालना है। इसके साथ ही 232 किलोमीटर तक उपभोक्ता के घरों तक केबिल डालने का कार्य होना था। इनमें से कुछ कार्य अभी भी पूर्ण नहीं हो सके हैं। इसके अलावा ओवर हेड की लाइन हटाने व पुराने खंभे को भी हटाने का कार्य करीब 25 फीसद तक बाकी है।

देरी से स्वीकृति मिलने का रोना

सात रूटों में से दो पर कार्य करने के लिए पिछले साल सितंबर में स्वीकृति मिली थी। इसी का हवाला देते हुए कंपनी देरी होने का रोना रो रही है। अधिकारी भी कंपनी की ही हां में हां मिला रहे हैं। सवाल यह उठ रहा है कि अन्य रूटों पर भी तो अभी कार्य बाकी है।

10 फीसद जुर्माना लगाया जाएगा

आइपीडीएस के दूसरे चरण का कार्य खत्म करने की मियाद भी 31 मार्च को खत्म हो रही है। बावजूद इसके कंपनी की ओर से अभी कार्य बाकी है। इस लिए जनवरी से अभी तक जितने भी कार्य कराए जा रहे हैं उस राशि का 10 फीसद जुर्माना लगाया जाएगा।

- दीपक अग्रवाल, अधीक्षण अभियंता, नगरीय विद्युत वितरण मंडल, द्वितीय

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