Raksha Bandhan 2022 : बहनें 12 को पूरे दिन भाइयों की कलाई पर सजा सकेंगी रक्षा सूत्र

12 अगस्त को पूरा दिन राखी बांधने के लिए मिल रहा। बहनें 11 अगस्त की रात 8.30 बजे से भी रक्षा सूत्र बांध सकेंगी। हालांकि 12 अगस्त की सुबह 5.30 बजे से 7.17 बजे तक का समय रक्षा सूत्र बंधन के लिए विशेष है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 07 Aug 2022 09:24 PM (IST) Updated:Sun, 07 Aug 2022 09:24 PM (IST)
Raksha Bandhan 2022 : बहनें 12 को पूरे दिन भाइयों की कलाई पर सजा सकेंगी रक्षा सूत्र
भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षा बंधन इस बार दो दिन मनाया जाएगा।

जागरण संवाददाता, वाराणसी : भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षा बंधन इस बार दो दिन मनाया जाएगा। इसमें 12 अगस्त को पूरा दिन राखी बांधने के लिए मिल रहा। बहनें 11 अगस्त की रात 8.30 बजे से भी रक्षा सूत्र बांध सकेंगी। हालांकि 12 अगस्त की सुबह 5.30 बजे से 7.17 बजे तक का समय रक्षा सूत्र बंधन के लिए विशेष है।

सनातन धर्मावलंबियों के प्रमुख त्योहारों में एक रक्षा बंधन सावन पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार तिथियों के फेर से सावन पूर्णिमा दो दिन मिल रही तो इसमें भद्रा भी बाधक बन रहा। इससे पर्व को लेकर बनी भ्रम की स्थिति दूर करने के लिए काशी विद्वत परिषद व काशी हिंदू विश्वविद्यालय के ज्योतिषाचार्यों ने बैठक कर निवारण प्रस्तुत किया। बीएचयू ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष प्रो. गिरिजाशंकर शास्त्री ने विद्वानों की राय का शास्त्रीय विवेचन कर निष्कर्ष प्रस्तुत किया।

बताया कि पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 9.35 बजे लग रही है जो 12 अगस्त को सुबह 7.17 बजे तक रहेगी। इस बीच 11 अगस्त को 9.35 बजे भद्रा लग जा रहा है जो रात 8.30 बजे तक रहेगा। ऐसे में रात 8.30 बजे के बाद राखी बांधी जा सकेगी। वहीं, 12 अगस्त की सुबह 5.30 बजे के बाद 7.17 बजे तक पूर्णिमा काल में राखी बांधने के साथ ही इसके बाद भी पूरे दिन रक्षा बंधन शुभ रहेगा।

धर्म शास्त्रीय विधान है कि भद्रा में राखी नहीं बांधनी चाहिए। इससे पहले दिन समय की बंदिश है। कुछ विद्वान पर्व निर्णय ग्रंथ मदन रत्न के वचन-इदं प्रतिपद्युतायां न कार्यम... यानी प्रतिपदा से युक्त पूर्णिमा का निषेध बताते हैैं, लेकिन इसका उल्लेख किसी अन्य ग्रंथ में नहीं मिलता। अत: एवं प्रतिपद्योगोपि न निषिद्ध:... के मान के तहत प्रतिपदायुक्त पूर्णिमा में भी राखी बांधी जा सकती है। शास्त्रीय मत यह भी है कि यदि दिन में शुभता मिल रही हो तो यथा संभव रात्रि काल में निषेध करना समीचीन होता है। अत: शुक्रवार 12 अगस्त को सुबह 5.30 बजे से संपूर्ण दिन पर्यंत रक्षा सूत्र बांधना शुभ रहेगा।

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