औरैया में पाता के गेल प्लांट से कच्चा माल लेने वाली पॉलीबैग कंपनियों पर शिकंजा
उत्तर प्रदेश शासन ने अब पॉलीबैग निर्माण करने वाली कंपनियों पर शिकंजा कस दिया है, इन कंपनियों पर मानक के विरुद्ध उत्पाद तैयार करने के आरोप लगाए हैं।
वाराणसी [देवव्रत त्रिवेदी] । शासन ने अब पॉलीबैग निर्माण करने वाली कंपनियों पर शिकंजा कस दिया है। इन कंपनियों पर मानक के विरुद्ध उत्पाद तैयार करने के आरोप लगाए हैं। प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह ने दो दिन पहले सभी जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर दिए हैं। उन्हें निर्देश मिले हैं कि वे जाएं और देखें कि रोक के बावजूद 50 माइक्रान से कम पॉलीथिन, ग्लास और थर्मोकॉल कैसे बना रही हैं। गेल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, औरैया से पॉलीबैग निर्माण से संबंधित कच्चा माल लेने वाली इन 289 कंपनियों की अब कुंडली तैयार होने जा रही है। इनमें बनारस की आठ कंपनियां भी शामिल हैं, कार्रवाई को बीते 15 जुलाई को पॉलीबैग के खिलाफ चलाए गए अभियान से जोड़कर देखा जा रहा।
बनारस की यह आठ कंपनियां
- वीडी प्लास्टिक, बड़ी पियरी
- पॉलीमैक्स, रामनगर
- बीएम पालीमर्स, पटनवा
- खाटू श्याम इंटरप्राइसेस, भुल्लनपुर
- अशोक प्लास्टिक्स, बड़ी पियरी
- अमित एंड कंपनी, महेशपुर औद्योगिक क्षेत्र
- आशा प्लास्टिक्स, सोनिया
- गंगा बैग, नदेसर
डीएम के साथ होगी तकनीकी टीम : कार्रवाई के दौरान जिलाधिकारी के साथ निरीक्षण के दौरान तकनीकी टीम भी शामिल होगी। टीम पॉलीथीन निर्माण व प्रतिबंधित उत्पादन सामग्री का उपयोग और निर्माण प्रतिशत की जांच करेगी। नगर विकास विभाग के नियमों के मुताबिक 50 माइक्रोन से कम प्रतिशत होना चाहिए।
शहर में ज्यादातर हैं पैकेजिंग कंपनियां: बनारस में ज्यादातर पैकेजिंग कंपनियां हैं। ऐसे में टीम का ध्यान इस ओर होगा कि कहीं कंपनियां पैकेजिंग की आड़ में पॉलीथीन, थर्मोकाल या ग्लास के उत्पादन में शामिल तो नहीं है।
इन मुख्य शहरों की कंपनियां कानपुर में145, लखनऊ में 08, गाजियाबाद में 33, आगरा में 24, पूर्वांचल में 18
बोले डीएम : निरीक्षण के दौरान नगर विकास विभाग की नियमावली के मुताबिक प्रतिबंधित उत्पादों के उपयोग या चोरी छिपे उत्पादन की जांच की जाएगी। -सुरेंद्र सिंह, जिलाधिकारी, वाराणसी