डबल मर्डर में जमानत अर्जी खारिज, हत्या करने से पहले छोटे भाई ने अपना कुत्ता सौंप दिया था पड़ोसी को

शुक्रवार को अपर जिला जज (प्रथम) एनबी यादव की अदालत ने आरोपित मदन लाल की जमानत याचिका खारिज कर दी।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 02 Nov 2019 02:57 PM (IST) Updated:Sat, 02 Nov 2019 02:57 PM (IST)
डबल मर्डर में जमानत अर्जी खारिज, हत्या करने से पहले छोटे भाई ने अपना कुत्ता सौंप दिया था पड़ोसी को
डबल मर्डर में जमानत अर्जी खारिज, हत्या करने से पहले छोटे भाई ने अपना कुत्ता सौंप दिया था पड़ोसी को

वाराणसी, जेएनएन। चेतगंज थाना क्षेत्र के कालीमहाल मोहल्ले में पिशाचमोचन के पुरोहित केके उपाध्याय, उनकी पत्नी ममता की हत्या के मामले में शुक्रवार को अपर जिला जज (प्रथम) एनबी यादव की अदालत ने आरोपित मदन लाल की जमानत याचिका खारिज कर दी। आरोपित की जमानत का विरोध प्रभारी डीजीसी मुन्ना लाल यादव तथा वादी पक्ष के अधिवक्ता विवेक शंकर तिवारी ने किया।

बीते 21 सितंबर को पिशाचमोचन कुंड के पुरोहित केके उपाध्याय व उनकी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा दलील दी गई कि आरोपित घटना के षड्यंत्र में शामिल था। पुलिस ने कालीमहाल मोहल्ला निवासी मदन लाल को 29 सितंबर को गिरफ्तार किया था। मदन लाल के घर पर आरोपितों ने फरार होने से पहले अपना पालतू कुत्ता रख दिया था। गिरफ्तारी के साथ ही पुलिस ने उक्त कुत्ते को भी बरामद किया था। आरोपित राजेंद्र उपाध्याय घटना को अंजाम देने से पहले अपने घर के व्यक्तियों व संपत्तियों को सुरक्षित कर देना चाहते थे ताकि निश्चिंत होकर घटना को अंजाम दे सकें। वहीं बचाव पक्ष आरोपित को निर्दोष बताते हुए दलील दी गई कि वह किसी षडयंत्र में शामिल नहीं था। साजिशन उसे फर्जी ढंग से आरोपित कर दिया गया है।

दोनों पक्षों की बहस सुनने तथा पत्रावलियों के अवलोकन के पश्चात अदालत ने कहा कि विवेचना में मदन लाल द्वारा हत्या करने वाले आरोपितों को मदद करने की भूमिका दर्शाया गया है। मामले की गंभीरता तथा संपूर्ण तथ्यों व परिस्थितियों को देखते हुए आरोपित की जमानत अर्जी स्वीकार करने योग्य नहीं है।

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