प्रेरणा पोर्टल पर कृपया प्रतीक्षा करें, बच्चों का विवरण अपलोड करने के लिए शिक्षक परेशान

निर्देश मिलने पर शासन को अभिभावकों के खाते का विवरण उपलब्ध कराया जा सके। बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने नई व्यवस्था के संबंध में सूबे सभी जनपदों के बीएसए से अभिभावकों के बैक खाते का विवरण मांगा है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 10:28 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 10:28 AM (IST)
प्रेरणा पोर्टल पर कृपया प्रतीक्षा करें, बच्चों का विवरण अपलोड करने के लिए शिक्षक परेशान
निर्देश मिलने पर शासन को अभिभावकों के खाते का विवरण उपलब्ध कराया जा सके।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। अब बेसिक शिक्षा विभाग अब परिषदीय विद्यालयों में पंजीकृत बच्चों के अभिभावकों को ड्रेस, स्वेटर, बैग व जूता-मोजा पैसा 1056 रुपए डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से स्थानांतरित किए जाएंगे। वहीं डीबीटी के लिए सभी विद्यालयों को प्रेरणा पोर्टल पर विद्यालय का यू-डायस कोड, बच्चे का नाम, जन्म तिथि, क्लास, पूरा पता, विकास खंड, जनपद का नाम, पिनकोड नंबर, माता-पिता या अभिभावक का नाम, आधार कार्ड का नंबर, बैक का नाम व खाता नंबर, अभिभावकों से सहमति पत्र अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। दूसरी ओर प्रेरणा पोर्टल न खुलने से शिक्षक परेशान है। शिक्षकों का दावा है कि पोर्टल पर कृपया प्रतीक्षा करें लिखकर आ रहा है। इससे एक बच्चे का विवरण अपलोड करने में घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।

इसके चलते जनपद में 1143 विद्यालयों में से अब तक महज 164 विद्यालय ही बच्चों का विवरण प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड कर सके हैं। शेष 979 विद्यालय अभी प्रतीक्षा में चल रहे है। पोर्टल के प्रतीक्षा कराने के चक्कर में बच्चों को ड्रेस के पैसे के लिए प्रतीक्षा करना पड़ सकता है। दूसरी ओर डीबीटी का कार्य कंप्यूटर आपरेटर से न कराने के बजाय शिक्षकों से कराने का विरोध भी शुरू हो गया है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सनत कुमार सिंह ने बताया की प्रेरणा डीबीटी के जरिए बच्चों के विवरणों का फीडिंग का कार्य बीआरसी पर नियुक्त कंप्यूटर आपरेटर या आवश्यकता पड़ने पर अस्थाई कंप्यूटर आपरेटर रखकर कराया जाना चाहिए। इस संबंध में प्रांतीय अध्यक्ष डा. दिनेशचंद्र शर्मा व महामंत्री संजय सिंह स्कूली शिक्षा के महानिदेशक को पत्र देकर उक्त कार्य पर शिक्षकों को दबाव न बनाने का अनुरोध भी कर चुके हैं। इसके बावजूद बगैर संसाधन के शिक्षकों को मोबाइल से जबरन कार्य कराने का दबाव बनाया अनुचित है। उन्होंने दबाव देने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

कमीशनखोरी पर लगाम : बहरहाल कमीशनखोरी पर लगाम लगाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग अब परिषदीय विद्यालयों के बच्चों के अभिभावकों को ड्रेस, स्वेटर, बैग व जूता-मोजा के लिए 1056 रुपए डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से स्थानांतरित करने का निर्णय लिया है ताकि अभिभावक अब खुद अपनी मनपसंद दुकान से ड्रेस, स्वेटर, बैग व जूता-मोजा खरीद सकें। नई व्यवस्था के तहत हर अभिभावकों के खाते में किए जाएंगे। इस क्रम में जनपद में भी पंजीकृत 1.98 लाख बच्चे के अभिभावकों का डेटा प्रेरणा एप पर अपलोड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। बेसिक शिक्षा विभाग में कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा के साथ-साथ परिषदीय विद्यालयों में पंजीकृत बच्चों को मध्याह्न भोजन, मुफ्त पाठ्यपुस्तकें, ड्रेस, स्वेटर, बैग व जूता-मोजा उपलब्ध करा रही है। वहीं अब तक बच्चों को ड्रेस अब तक वितरित नहीं किया जा सका है। इसके पीछे संभावना जताई जा रही थी कि ड्रेस, बैग व जूता-मोजा का पैसा अभिभावकों को दिया जाएगा। इसके तहत पिछले दिनों जनपद में अभियान चलाकर पंजीकृत बच्चे के अभिभावकों का बैंक खातों व आधार नंबर के फीडिंग का कार्य कराया गया था ताकि निर्देश मिलने पर शासन को अभिभावकों के खाते का विवरण उपलब्ध कराया जा सके। बेसिक शिक्षा निदेशक डा. सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह ने नई व्यवस्था के संबंध में सूबे सभी जनपदों के बीएसए से अभिभावकों के बैक खाते का विवरण मांगा है।

किस मद में कितना पैसा

-दो सेट के लिए ड्रेस 600 रुपये

-स्वेटर के लिए 200 रुपये

-बैग के लिए 100 रुपये

-जूता के लिए 135 रुपये

मोजा के लिए 21 रुपये

जनपद में पंजीकृत विद्यार्थी

97982 बालक

100547 बालिका

198529 कुल पंजीकृत बच्चे

विद्यालय

chat bot
आपका साथी