पंचायत चुनाव : मऊ में आरक्षण सूची को लेकर दावेदारों में रही बेचैनी, विकास खंड मुख्यालय पर जुट रही भीड़

मऊ फतहपुर मंडाव विकास खंड मुख्यालय पर मंगलवार की देर शाम तक पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी नहीं हो सकी लेकिन इसको पता करने के लिए सुबह से ही दावेदारों का जमावड़ा लग गया था। दावेदार अपने स्तर से पदों के आरक्षित होने का आंकलन कर रहे थे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 08:46 AM (IST)
पंचायत चुनाव : मऊ में आरक्षण सूची को लेकर दावेदारों में रही बेचैनी, विकास खंड मुख्यालय पर जुट रही भीड़
मऊ में मंगलवार की देर शाम तक पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी नहीं हो सकी

मऊ, जेएनएन। फतहपुर मंडाव विकास खंड मुख्यालय पर मंगलवार की देर शाम तक पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी नहीं हो सकी लेकिन इसको पता करने के लिए सुबह से ही दावेदारों का जमावड़ा लग गया था। दावेदार अपने स्तर से पदों के आरक्षित होने का आंकलन कर रहे थे।

फतहपुर मंडाव विकास खंड क्षेत्र में 78 ग्राम पंचायतों तथा 94 क्षेत्र पंचायत सदस्यों के साथ ही जिला पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत सदस्य की प्रदेश के अन्य जनपदों के साथ ही मंगलवार को आरक्षण सूची जारी होना था। इसके चलते सुबह से ही ब्लाक मुख्यालय पर आरक्षण का पता लगाने के लिए दावेदार जुटने लगे थे लेकिन देर शाम तक सूची चस्पा नहीं होने से निराश होकर कुछ लोग लौट जा रहे थे। वहीं कुछ देर शाम तक रूककर आरक्षण का पता लगाने के बाद ही लौटने की बात कर रहे थे। वहीं कुछ ऐसे भी निवर्तमान प्रधान आरक्षण सूची का इंतजार कर रहे थे, जो अपने ग्राम पंचायत के आरक्षण का आंकलन कर लिए हैं और अपने आप को चुनाव से बाहर मानकर चल रहे हैं। वे अपने आप को दिलासा देने के लिए अंतिम रूप से जारी होने वाली आरक्षण का इंतजार कर रहे हैं।

ब्लाक मुख्यालय का चक्कर लगाते रहे भावी प्रधान

त्रि-स्तरीय चुनाव की आरक्षण सूची मंगलवार की देर शाम तक जारी नहीं हुई। इसके बावजूद दावेदारों ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। जैसे ही गांवों में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी प्रधानी के दावेदार पूरी ताकत के साथ चुनावी दंगल में कूदने के लिए तैयार हैं। पंचायत चुनाव को लेकर पूरे दिन भावी प्रधान व उनके समर्थकों का पूरे दिन ब्लाक मुख्यालय पर जमावड़ा लगा रहा। हालांकि शाम तक आरक्षण लिस्ट की सूची चस्पा नहीं किए जाने से भावी प्रधान उनके समर्थक काफी परेशान रहे। वे गांव की आरक्षण की स्थिति को लेकर ब्लाक मुख्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के आगे-पीछे दिन भर घुमते रहें। इस दौरान आरक्षण को लेकर पूरे दिन कयासबाजी का दौर भी चलता रहा।

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