IIT BHU में नान टीचिंग स्टाफ ड्राइंग पेपर का मूल्यांकन नहीं, अब केवल अंक पत्र भरेंगे

मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में बीटेक प्रथम वर्ष छात्रों के कोर्स में शामिल इंजीनियरिंग ड्राइंग विषय के सेशनल एग्जाम होता है जिसका मूल्यांकन हर साल प्रोफेसर द्वारा किया जाता है। ड्राइंग विषय की महत्ता इतनी अधिक है कि इसे इंजीनियरिंग की भाषा कही जाती है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 18 Dec 2020 07:44 PM (IST) Updated:Fri, 18 Dec 2020 08:35 PM (IST)
IIT BHU में नान टीचिंग स्टाफ ड्राइंग पेपर का मूल्यांकन नहीं, अब केवल अंक पत्र भरेंगे
ड्राइंग विषय की महत्ता इतनी अधिक है कि इसे इंजीनियरिंग की भाषा कही जाती है।

वाराणसी, जेएनएन। आइआइटी-बीएचयू में बीटेक व आइआइडी कोर्स के तहत छात्रों द्वारा बनाई जाने वाली ड्राइंग शीट के मूल्यांकन के लिए पहली बार नान टीचिंग स्टाफ को शामिल किया गया था। यह पहला मौका था जब प्रोफेसर नहीं बल्कि गैर शिक्षकों का दल इस तरह के मूल्यांकन का काम करता, लेकिन दैनिक जागरण की सक्रियता से छात्रों के भविष्य के साथ खेलने वाले इस कार्यक्रम का शुक्रवार शाम तक अंत हो गया।

मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग में बीटेक प्रथम वर्ष छात्रों के कोर्स में शामिल 'इंजीनियरिंग ड्राइंग' विषय के सेशनल एग्जाम होता है, जिसका मूल्यांकन हर साल प्रोफेसर द्वारा किया जाता है। ड्राइंग विषय की महत्ता इतनी अधिक है कि इसे इंजीनियरिंग की भाषा कही जाती है। किसी भी भवन के निर्माण में सबसे पहली जरूरत ड्राइंग की ही होती है। लेखक के लेखन कौशल की तरह से ही एक इंजीनियर में ड्राइंग का गुण होता है।

दरअसल, चार दिसंबर को मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग द्वारा जारी एक मेल में सात गैर-शिक्षक सदस्यों के नाम सुझाये गए थे, जिसमें लिखा था कि हर सप्ताह में तीन बार ये स्टाफ ड्राइंग सेक्शन का दौरा करेंगे। वे इस साल बीटेक छात्रों द्वारा आनलाइन जमा किए गए ड्राइंग शीट को ये स्टाफ गूगल क्लासरुम के तहत शीट का मूल्यांकन करेंगे। वहीं जागरण द्वारा पड़ताल करने के बाद 18 दिसंबर को एक दूसरा मेल मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की ओर से किया गया, जिसमें इन नान टीचिंग स्टाफ से रिजल्ट पर मार्क भरवाने की बात कही गई है। इसमें यह भी कहा गया है कि ये सदस्य ड्राइंग पेपर का प्रत्यक्ष तौर पर मूल्यांकन नहीं करेंगे।

ड्राइंग से रचनात्मकता उतरती है जमीन पर

ड्राइंग के पेपर को इंजीनियरिंग के छात्र आधारभूत अध्ययन मानते हैं। एक छात्र का कहना है कि इसी आधार पर हमारे अंदर की रचनात्मक क्षमता को हम तकनीकी कुशलता के साथ बेहतर ढंग जमीन पर उतार पाते हैं। एक इंजीनियर देश की आधारभूत संरचनाओं के साथ ही अपने करियर की इमारत भी इसी ड्राइंग से तैयार करता है। इसमें यदि कोई हीहा-हवाली होती, तो यह छात्रों के भविष्य के साथ ठीक नहीं था।

डीन आफ एकेडमिक अफेयर्स प्रो. एसबी द्विवेदी ने बताया कि विभागों में ड्राइंग शीट का मूल्यांकन अभी आगे होनी है। वहीं हमारे यहां हमेशा प्रोफेसरों के द्वारा ही किया जाता है। नान टीचिंग स्टाफ द्वारा जांच कराने की बात पूरी तरह से निराधार व अफवाह है। 

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