भाजपा विधायक के विवादित बोल - 'गोडसे आतंकवादी नहीं, नेहरू की दुर्बल नीतियाें से थे नाराज'
अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले बलिया जिले में बैरिया के विधायक सुरेंद्र सिंह का एक और विवादित बयान जारी होने के बाद सियासी हलकों में चर्चा का केंद्र बन गया है।
बलिया, जेएनएन। अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहने वाले बलिया जिले में बैरिया के विधायक सुरेंद्र सिंह का एक और विवादित बयान जारी होने के बाद सियासी हलकों में चर्चा का केंद्र बन गया है। गुरुवार को महात्मा गांधी पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के विवादास्पद बयान का प्रकरण खत्म नहीं हुआ था कि दूसरी ओर बैरिया विधायक ने भी विवादित बोल में अपने स्वर जोड़ दिए। साध्वी के समर्थन में उन्होंने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि 'गोडसे आतंकवादी नहीं, नेहरू की दुर्बल नीतियाें से नाराज थे'। इस बयान के जारी होने के बाद सियासी हलकों में साध्वी प्रज्ञा के बाद सुरेंद्र सिंह की भी चर्चा होने लगी।
महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे पर भाजपा सांसद प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी के बाद अब भाजपा के ही विधायक सुरेंद्र सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। बैरिया विस क्षेत्र से विधायक सुरेन्द्र ने कहा कि देश जब आजाद हुआ तब नेहरू की दुर्बल नीतियों से नाराज होकर गोडसे ने ऐसा कदम उठाया। कहा कि जब देश बंटा तब पाकिस्तान मुस्लिम देश हो गया, उसी तर्ज पर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित हो जाना चाहिए था। नाथूराम गोडसे की यही मंशा थी, लेकिन महात्मा गांधी अपनी जिद पर अड़े रहे, जिससे आक्रोशित होकर गोडसे ने उनकी हत्या कर दी।
सुरेंद्र ने कहा कि गोडसे को ऐसा नहीं करना करना चाहिए था। नाथूराम गोडसे से महात्मा गांधी की हत्या करने की बड़ी भूल अवश्य हुई है लेकिन उन्हें आतंकवादी की संज्ञा नहीं दी जा सकती। उनसे यह पूछे जाने पर कि तब क्या गोडसे राष्ट्र भक्त थे, इस सवाल का उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। केवल इतना कहा कि राष्ट्र विरोधी हरकतों में शामिल होने वाले को ही हम आतंकवादी कह सकते हैं। देश विरोधी गतिविधियों में गोडसे की कहीं कोई भूमिका नहीं रही है। पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने बार-बार यह दावा करते रहे कि गोडसे आतंकवादी नहीं थे।