मिड-डे-मील : जौनपुर में 500 ग्राम दूध पाउडर 63 बच्चों को पिलाया, प्राथमिक विद्यालयों में सिर्फ खानापूर्ति

प्राथमिक विद्यालयों में मिड-डे-मील के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। बिना अभाव के बच्चों को शुद्ध दूध देने के नाम पर पाउडर का दूध पिलाया जा रहा है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Thu, 05 Dec 2019 11:03 AM (IST) Updated:Thu, 05 Dec 2019 02:17 PM (IST)
मिड-डे-मील : जौनपुर में 500 ग्राम दूध पाउडर 63 बच्चों को पिलाया, प्राथमिक विद्यालयों में सिर्फ खानापूर्ति
मिड-डे-मील : जौनपुर में 500 ग्राम दूध पाउडर 63 बच्चों को पिलाया, प्राथमिक विद्यालयों में सिर्फ खानापूर्ति

वाराणसी, जेएनएन। प्राथमिक विद्यालयों में मिड-डे-मील के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। बिना अभाव के बच्चों को शुद्ध दूध देने के नाम पर पाउडर का दूध पिलाया जा रहा है। जौनपुर में 500 ग्राम पाउडर घोलकर 63 छात्रों व भदोही के एक विद्यालय में एक किलो पाउडर दूध में 70 छात्रों को पिला दिया गया।

जौनपुर में 500 ग्राम पाउडर दूध घोलकर 63 बच्चों में पिलाए जाने का मामला मछलीशहर के प्राथमिक विद्यालय अइलहा का है।  मिड-डे-मील के मीनू के अनुसार बुधवार को प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को सौ ग्राम व पूर्व माध्यमिक विद्यालय के बच्चों को डेढ़ सौ ग्राम शुद्ध दूध दिया जाना है। पड़ताल दौरान मछलीशहर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय अइलहा में जागरण टीम जब सुबह लगभग 11.40 बजे पहुंची तो विद्यालय के प्रधानाध्यापक बांकेलाल पांडेय वेतन निकालने गए थे। सहायक अध्यापक अमित कुमार नाविक ने बताया कि विद्यालय में कुल पंजीकृत छात्रों की संख्या 160 है। जिसमें 63 छात्र-छात्राएं मौजूद हैं। छात्रों को मीनू के अनुसार भोजन में तहरी खिलाई गई, जबकि 500 ग्राम के पाउडर दूध का घोल बनाकर 63 बच्चों को दूध दिया गया। 

भदोही के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय तलवा 70 बच्चों के लिए सात किलो चावल एक किलो आलू व आधा किलो मटर की तहरी बनाई गई थी। एक किलो पाउडर दूध में पानी मिलाकर 70 विद्यार्थियों को दूध पिलाने की खानापूर्ति की गई। शासन ने मिड डे मील योजना में दूध को शामिल किया कि सरकारी स्कूल के बच्चे इससे बलवान व बुद्धिमान बनेंगे। मगर, मिड डे मील की व्यवस्था अब भी उस पुरातन युग की याद दिलाती है जब आदमी चुल्लू में पानी पीता था। शासन से बर्तन मद में राशि मिलने के बाद भी मीरजापुर जिले की चुनार तहसील के बहरामगंज प्राइमरी स्कूल में बच्चों को थाली में दूध पिलाया जा रहा है। यह स्थिति तब है जब कुछ माह पूर्व इसी जिले में बच्चों को 'पौष्टिक नमक-रोटी खिलाने को लेकर हंगामा मच चुका है।

बोले अधिकारी :

'मिड-डे-मील में बच्चों को पाउडर का दूध दिए जाने की व्यवस्था है। रही बात कम मानक की तो इसकी जानकारी नहीं है। इसको देखकर कार्रवाई करेंगे। मिड-डे-मील को लेकर शासन-प्रशासन गंभीर है। दोषी मिलने पर किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।

-डा. राजेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए, जौनपुर।

'शासनादेश है कि पाउडर का दूध तभी इस्तेमाल किया जाएगा जब दूध न मिल रहा हो। एक किग्रा पाउडर दूध को पानी में घोलकर 70 बच्चों को पिलाने के मामले की जांच कराई जाएगी।

-अमित कुमार, बीएसए-भदोही।

जागरण इंपैक्ट : बीएसए ने किया निरीक्षण, प्रधानाध्यापक निलंबित

जौनपुर के मछलीशहर ब्लाक के अइलहा प्राथमिक विद्यालय में बुधवार को एमडीएम के भोजन के बाद 500 ग्राम पाउडर के दूध को 63 बच्चों को पिलाया गया था। जागरण की पड़ताल में मामला उजागर होने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा.राजेंद्र प्रसाद सिंह व खंड शिक्षा अधिकारी शैलपति यादव ने गुरुवार को दोपहर में पहुंचकर जांच की। जांच में मामला सही पाये जाने पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक बांकेलाल पांडेय को निलंबित करते हुए सुईथाकला ब्लाक के विद्यालय से संबद्ध कर दिया। इसके साथ ही बेसिक शिक्षा अधिकारी ने मानक के अनुसार भोजन बनाने का निर्देश दिया। वहीं ग्राम प्रधान पर कार्रवाई के लिए जिला पंचायत राज अधिकारी को पत्र लिखा। इस कार्रवाई से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।

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