पांच करोड़ के चाइनीज उत्‍पाद का आर्डर रद, वाराणसी सहित आस-पास के जिलों के व्यापारी पीछे हटे

वाराणसी सहित आस-पास के जिलों के लोग चाइनीज कंपनियों के उत्पादों से मुंह मोड़ रहे हैं। वहीं व्‍यापारियों ने पांच करोड़ के चाइनीज उत्‍पाद का आर्डर रद कर दिया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sun, 14 Jun 2020 12:37 PM (IST) Updated:Sun, 14 Jun 2020 12:37 PM (IST)
पांच करोड़ के चाइनीज उत्‍पाद का आर्डर रद, वाराणसी सहित आस-पास के जिलों के व्यापारी पीछे हटे
पांच करोड़ के चाइनीज उत्‍पाद का आर्डर रद, वाराणसी सहित आस-पास के जिलों के व्यापारी पीछे हटे

वाराणसी, जेएनएन। लाॅकडाउन के चलते घरों में कैद लोगों के लिए सबसे ज्यादा जरूरत के साधन इलेक्ट्रानिक गैजेट्स बने। आनलाइन क्लासेज से लेकर मनोरंजन तक के लिए मोबाइल फोन, लैपटाप, टैबलेट आदि का जमकर उपयोग किया गया। अनलाॅक के बाद ज्यादा भीड़ भी मोबाइल फोन के बाजार में है, लेकिन ट्रेंड बदल चुका है। लोग चाइनीज कंपनियों के उत्पादों से मुंह मोड़ रहे हैं। दुकानदार भी कह रहे, नहीं बाबा, अब चाइनीज सामान नहीं बेचेंगे। युवाओं ने तो चाइनीज मोबाइल फोन खरीदने से  परहेज ही कर लिया है। आलम यह  कि वाराणसी सहित आसपास के जिलों व्यापारियों ने पांच करोड़ से अधिक के चाइनीज उत्पादों का आर्डर ही रद कर दिया। इसमें रेशम, बिजली के उपकरण, मोबाइल फोन के आइटम भी शामिल हैं।

यह पहल वाराणसी व्यापार मंडल के आह्वान पर की गई। मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा, प्रदेश उपाध्यक्ष रमेश निरंकारी, महामंत्री प्रमोद अग्रहरि, आइटी सेल अध्यक्ष संतोष सिंह, राजीव गुप्त, मनीष गुप्त, शाहिद, विश्वनाथ दुबे, रमेश भारद्वाज, सन्नी जौहर, सविता सिंह, शालिनी गोस्वामी, नन्हे जायसवाल, जयप्रकाश राजभर के मुताबिक प्रधानमंत्री के स्वदेशी सामान के उपयोग के आह्वान का असर दिखने लगा है। व्यापारियों ने चीन से सामान का आयात बंद कर दिया है।

'भारतीय सामान-हमारा अभिमान' से चीनी वस्तुओं का बहिष्कार

खाद्य व्यापार मंडल एवं व्यापारियों के राष्ट्रीय संगठन कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के लिए भारतीय सामान-हमारा अभिमान शुरू किया है। संगठन के अध्यक्ष नवरतन राठी ने बताया कि चीन हमेशा भारत का विरोधी रहा है। इस कारण सरकार के मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत वर्ष 2018 से अब तक चीन से आयात में लगभग छह अरब डॉलर की कमी हुई है।

95 फीसद चाइनीज आइटम की बिक्री पर असर

चीन से आने वाले मोबाइल फोन, लैपटॉप, टीवी क्राकरी, चश्मा फ्रेम, ग्लास, खिलौने, मोबाइल एसेसरीज, टार्च बैटरी आदि का आयात लगभग बंद है। व्यापारियों के मुताबिक 95 फीसद चानइीज आइटम की बिक्री खत्म हो गई है। वाराणसी में प्रतिदिन जहां करीब 15 करोड़ के आइटम बिकते थे जो घटकर नहीं के बराबर रह गए हैं। दुकानदार बचा माल ही निकाल रहे हैं। युवाओं में भारत के बने मोबाइल फोन लैपटाप आदि के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है।

चीनी वस्तुओं के आयात में 1.5 लाख करोड़ रुपये कमी का लक्ष्य

कैट के जिला प्रभारी गौरव राठी के मुताबिक कन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने दिसंबर 2021 तक चीनी वस्तुओं के आयात में 1.5 लाख करोड़ रुपये कमी का लक्ष्य रखा है। कैट ने  3000 ऐसे उत्पादों की सूची बनाई है, जिनके आयात नहीं होने से भारत को कोई अंतर नहीं पड़ेगा। ये वस्तुएं भारत में पहले से ही बन रहीं हैं। वाराणसी व्यापार मंडल के अध्यक्ष -अजीत सिंह बग्गा यहां के व्यापारियों ने करोड़ों के चीनी उत्पादों का आर्डर रद किया है। अगर सरकार कुटीर उद्योगों, मध्यम वर्ग के व्यवसायियों के ब्याज और ईएमआइ में राहत तथा तत्काल प्रभाव से ऋण दे तो स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा।  आरबी ट्रेडर्स राजा दरवाजा के इरशाद अहमद ने बताया कि राजा दरवाजा, दालमंडी, हड़हासराय, नारियल बाजार चाइनीज सामान के प्रमुख बाजार हैं। चाइनीज सामान के बहिष्कार व खरीदने से मना करने के कारण आर्डर कैंसिल करना पड़ा है।

चाइना के मोबाइल की बिक्री नहीं के बराबर

मंडुआडीह के मोबाइल विक्रेता सुरेंद्र सिंह ने बताया कि मई में लॉकडाउन के दौरान प्रशासनिक छूट के चलते काफी एंड्रॉयड मोबाइल बनने के लिए आए। चाइना के मोबाइल की बिक्री नहीं के बराबर है। एक साल पहले से ही हम लोगों ने चीन निर्मित मोबाइल बेचना बंद कर दिया। इसका प्रमुख कारण वहां के मोबाइल की गारंटी या वारंटी नहीं होना है। मंडुआडीह के ही कान्हा गुप्ता ने बताया कि लॉकडाउन के चलते नए मोबाइल की आवक नहीं हो रही है। होलसेल में  पुराने ब्रांड के मोबाइल फोन हैं। युवा अब चीनी कंपनी के मोबाइल खरीदने से साफ मना कर रहे हैं। इस कारण हम लोग भी चाइनीज आइटम मंगाना बंद कर दिए हैं।

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