राजनीतिक दलों का अखाड़ा बनी काशी, इस माह तीन बड़ी पार्टियों के कार्यक्रम

जो दल पूर्वांचल खासकर, काशी की सत्ता में रहने के दौरान उपेक्षा करते थे, वह भी अब भाजपा के गढ़ में सेंधमारी की तैयारी में जुटे हैं।

By Edited By: Publish:Fri, 24 Aug 2018 08:10 AM (IST) Updated:Fri, 24 Aug 2018 10:52 AM (IST)
राजनीतिक दलों का अखाड़ा बनी काशी, इस माह तीन बड़ी पार्टियों के कार्यक्रम
राजनीतिक दलों का अखाड़ा बनी काशी, इस माह तीन बड़ी पार्टियों के कार्यक्रम

वाराणसी [विकास बागी] । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के कारण विरोधी दलों ने काशी को चुनावी जंग की राजधानी बना दिया है। जो दल पूर्वांचल खासकर, काशी की सत्ता में रहने के दौरान उपेक्षा करते थे, वह भी अब भाजपा के गढ़ में सेंधमारी की तैयारी में जुटे हैं। आलम यह कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे तक लोकसभा चुनाव 2019 के लिए काशी से चुनावी बिगुल फूंकने की तैयारी में हैं। 

साइकिल के सहारे लोकतंत्र बचाने निकलेगी सपा

समाजवादी पार्टी पूरे प्रदेश 'लोकतंत्र बचाओ-देश बचाओ साइकिल यात्रा निकाल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री व सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव 30 अगस्त को वाराणसी आ रहे हैं। वाराणसी से साइकिल यात्रा का शुभारंभ अखिलेश यादव करेंगे। वाराणसी से चंदौली, सोनभद्र, मीरजापुर, भदोही, जौनपुर, प्रतापगढ़, सुलतानपुर, अमेठी, बाराबंकी, गोसाईगंज होते हुए साइकिल यात्रा 11 सितंबर को लखनऊ में समाप्त होगी। सपा की जिला व महानगर इकाई ने साइकिल यात्रा को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। सपा की अन्य विंग को टास्क दिए जा रहे हैं। यूथ पर अधिक फोकस किया जा रहा है। 

हिंदू कार्ड खेलेंगे उद्धव 

उत्तर भारतीयों को निशाने पर लेने वाली शिवसेना के अंदर भी अब महाराष्ट्र से बाहर निकलने की छटपटाहट है। शिवसेना ने धार्मिक शहरों में अपनी पैठ बनाने के लिए काशी को चुना है। महाराष्ट्र, खासकर मुंबई में धमक रखने वाली और राजग में सहयोगी दल शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे भी काशी आ रहे हैं। राम मंदिर निर्माण के साथ ही अयोध्या-काशी के मुद्दे पर हिंदू मतों को अपने पक्ष में करने के लिए शिवसेना रणनीति तैयार कर रही है।

मंथन के बहाने भाजपा को घेरने की तैयारी

रायबरेली और अमेठी नहीं अब कांग्रेस ने भी काशी को चुनावी सेंटर बना लिया है। भाजपा को चुनावी संग्राम में घेरने की रणनीति तैयार करने को कांग्रेस के दिग्गज नेता 25 को वाराणसी में जुटेंगे। अपनी खोई जमीन वापस पाने, जन मुद्दों की तलाश के साथ ही युवाओं को पार्टी से जोडऩे के साथ ही सोशल मीडिया पर सक्रियता को लेकर मंथन करेगी। 

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