'गोवा वॉर' का विजय प्रतीक मेडल चोरी, बलिया के परमेश्वर को 1961 में मिला था युद्ध सेवा मेडल
गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराने के लिए वर्ष 1961 में भारतीय सेना ने लोहा लिया था। इसमें वायु सेना केकई जवान शहीद हुए थे। लड़ाई में शंकरपुर बलिया के मूलनिवासी परमेश्वर तिवारी भी शामिल थे।
वाराणसी, [मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। गोवा को पुर्तगालियों से आजाद कराने के लिए वर्ष 1961 में भारतीय सेना ने लोहा लिया था। इसमें वायु सेना केकई जवान शहीद हुए थे। लड़ाई में शंकरपुर, बलिया के मूलनिवासी परमेश्वर तिवारी भी शामिल थे। पहाड़ से हो रहे पुर्तगालियों के हमलों के बावजूद परमेश्वर बच गए थे और गोवा को आजाद कराने में अहम भूमिका निभाई थी। इस पराक्रम पर उन्हें युद्ध सेवा मेडल मिला था, जो पिछले माह चोरी हो गया। ब्रह्मानंद नगर कालोनी स्थित स्व. परमेश्वर तिवारी के अस्थाई घर से चोरों ने दिन में ही नकदी, जेवर के साथ ही उस मेडल पर हाथ साफ कर दिया। चोरी के इतने दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस का रवैया मेडल की बरामदगी को लेकर सुस्त है।
भारत में पहली बार आइएनएस विक्रांत को लाए
स्व. परमेश्वर तिवारी के छोटे पुत्र अभय शंकर तिवारी उनके पिता अक्सर ही गोवा वार की घटना के बारे में बताया करते थे। बताया कि भारत में पहली बार इंग्लैंड से आइएनएस विक्रांत लाया गया था। 1960 में उस लाने वाली टीम का परमेश्वर अहम हिस्सा रहे। साथ ही 1962 में चीन संग युद्ध में भी लड़े। इसके अलावा वे 1965 में पाकिस्तान वॉर के गवाह रहे। हालांकि टीम का वे हिस्सा नहीं थे। एक जनवरी 1936 में जन्मे परमेश्वर का निधन 27 नवंबर 2014 को हुआ था।
भेलूपुरी क्षेत्र के ब्रह्मानंद नगर कालोनी में सुनीता सिंह के मकान में किराएदार अभय शंकर ने बताया कि 27 फरवरी को वह मां को छोडऩे रायबरेली गए थे। जब वह रात को लौटकर आए तो दरवाजे की कुंडी टूटी थी। आलमारी का लॉकर टूटने के साथ ही सामान भी बिखरा था। मेडल के साथ ही करीब 1.40 लाख नकद,आभूषण, लैपटॉप गायब था। उन्होंने तुरंत पुलिस को खबर दी। सीसीटीवी फुटेज देखने पर पता चला कि वारदात दिन में लगभग तीन बजे हुई। शक घर में काम करने वाली महिला पर गया, मगर चोर अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं। आरोप लगाया कि पुलिस मामले को टरका रही है। बताया कि पिता को मिला मेडल अनमोल है।