शारदीय नवरात्र के लिए लाल चुनरी व नारियल संग बाजार तैयार, कारोबारियों के पास काफी स्‍टॉक

शारदीय नवरात्र के लिए तैयारी का क्रम शुरू हो गया है। शनिवार को पितृ विसर्जन के बाद बाजारों में खरीदारी की रौनक होगी।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 28 Sep 2019 01:36 PM (IST) Updated:Sat, 28 Sep 2019 09:01 PM (IST)
शारदीय नवरात्र के लिए लाल चुनरी व नारियल संग बाजार तैयार, कारोबारियों के पास काफी स्‍टॉक
शारदीय नवरात्र के लिए लाल चुनरी व नारियल संग बाजार तैयार, कारोबारियों के पास काफी स्‍टॉक

वाराणसी, जेएनएन। शारदीय नवरात्र के लिए तैयारी का क्रम शुरू हो गया है। शनिवार को पितृ विसर्जन के बाद बाजारों में खरीदारी की रौनक होगी। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में स्थाई व अस्थायी दुकानों में स्टॉक भरपूर हैं। माता रानी को चढ़ाने के लिए लाल चुनरी और नारियल की मांग भक्त करते हैं। कारोबारी इस दिशा में लोकल स्तर के साथ ही काफी माल बाहर में मांगा रखा है। नवरात्र के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। प्रमुख देवी मंदिरों के बाहर पूजन सामग्री और चुनरियों की स्थाई व अस्थाई दुकानें सजने लगी हैं।

मार्केट में आईं रंग-बिरंगी चुनरियां पूजा सामग्री में माता की चुनरी का विशेष स्थान होता है। मार्केट में नवरात्र को देखते हुए चुनरियां लहराने लगी हैं। माता की चुनरी पर भी फैशन का रंग चढऩे लगा है। दुकानों पर पचरंगी और सतरंगी चुनरियों के साथ कई प्रकार की चुनरी दिखाई पडऩे लगी हैं। चुनरी विके्रता राजकुमार ने बताया कि नवरात्र में चुनरी की बिक्री सबसे ज्यादा होती है।

तीन गुना बढ़ जाती है बिक्री

आम दिनों की अपेक्षा नवरात्र में चुनरी की बिक्री दो गुना से तीन गुना हो जाता है। काशी में नवरात्र के दौरान एक करोड़ रुपये तक की चुनरी का कारोबार हो जाता है। दुकानदार राजकुमार जायसवाल व गौतम ने बताया कि बदलते दौर के साथ चुनरी की भी कई रेंज हैं। सितारा लगी चुनरियां, घुंघरू वाली चुनरी, इंटरलॉक चुनरी सहित छोटे रुमाल साइज चुनरी से लेकर साड़ी के साइज तक की चुनरी बाजार में उपलब्ध है। लेकिन आज भी सबसे ज्यादा डिमांड पुरानी गोटे वाली चुनरी की है। इसके साथ ही स्टोन वर्क वाली चुनरी भी ग्राहकों को खासा आकर्षित करती है। इस बार चुनरी के दामों में कोई खास इजाफा नहीं हुआ है।

दस से एक हजार रुपये तक की चुनरी

मार्केट में 10 रुपये से लेकर हजार रुपये तक की चुनरी उपलब्ध है। बनारस में साड़ी के अलावा चुनरी निर्माण का भी कार्य बड़े पैमाने पर होता है। त्योहार के मौसम में पूर्वांचल सहित आस पास के शहरों में बनारसी चुनरी की डिमांड बढ़ जाती है।

बंगाल व उड़ीसा का नारियल नवरात्र में बंगाल व उड़ीसा से लाए गए नारियल की खपत होती। दक्षिण भारत दूर होने और इस बार केरल में बाढ़ होने से आपूर्ति नहीं के बराबर है। मां को चढ़ाने के लिए पंद्रह से तीस रुपये तक फुटकर में नारियल की बिक्री होती है। कारोबारी उमेश गुप्ता व विकास के अनुसार असंगठित क्षेत्र होने के कारण नारियल की कुल कितनी खपत होती है कहना कठिन है फिर भी एक करोड़ रुपये से ज्यादा की बिक्री होती है।

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