पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने अधिशासी अभियंता को किया निलंबित
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक ने अधिशासी अभियंता नगरीय विद्युत वितरण खंड चतुर्थ को जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर निलंबित कर दिया है।
वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के बालाजी ने कार्य क्षेत्र के बाहर फर्म से मिलकर अपने गांव में अवैध लाइन बनवाने, कर्मचारियों के वेतन घोटाले, पद का दुरुपयोग करने के आरोप में घिरे अधिशासी अभियंता नगरीय विद्युत वितरण खंड चतुर्थ चंद्रेश उपाध्याय को जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर सोमवार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। अधिशासी अभियंता पर तमाम आरोप लगाते हुए विभागीय कर्मचारी कई दिनों से आंदोलित थे। इसे लेकर विभाग की भी किरकिरी हो रही थी।
छठवें दिन भी जारी रहा निजीकरण का विरोध
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के सदस्यों ने छठवें दिन सोमवार को भी प्रबंध निदेशक कार्यालय भिखारीपुर पर निजीकरण के खिलाफ अपना विरोध जारी रखा। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री द्वारा जारी किए गए आंकड़े पूरी तरह सत्य हैं ऐसे में जब सरकार की दृष्टि में बिजली के क्षेत्र में उत्साहजनक सुधार हुआ है तब सुधार के नाम पर पूविविनिलि वाराणसी, गोरखपुर की बिजली व्यवस्था का निजीकरण किया जाना सरकार के सुधार के दावों के विपरीत है। यह जनता के साथ धोखा है। सभा के माध्यम पदाधिकारियों ने सरकार से अपील की है कि निजीकरण का फैसला वापस लिया जाए। शंकर शाही, जीवनप्रकाश, एके श्रीवास्तव, आरके वाही, केदार तिवारी, चंद्रशेखर चौरसिया, डा.आरबी सिंह, मायाशंकर तिवारी थे।
बिजली चोरी में चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज
जंसा के दीनदासपुर नई बस्ती में सोमवार को विद्युत विभाग द्वारा चलाए गए सघन चेकिंग अभियान में चार लोगों को विद्युत चोरी करते हुए पकड़े जाने पर उनके खिलाफ जंसा थाने में जेई शिवमाला ने विद्युत चोरी अधिनियम 135 के तहत मुकदमा दर्ज कराया है।