Make Small Strong : आइपैड से साड़ी का Live Demo देकर ग्राहकों को जोड़े रखा

कोरोना काल में सभी ने तकनीक का भरपूर उपयोग किया। वाट्सएप फेसबुक और इंस्ट्राग्राम आदि के माध्यम से लगातार कारोबार जारी रखा। कुछ ऐसा ही किया शहर के रथयात्रा स्थित शांति वूमेन साड़ीज बनारस ने भी। आइपैड पर ग्राहकों को साडिय़ों की डिजाइन व कलर आनलाइन दिखाया जा रहा था।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Sat, 17 Oct 2020 12:36 AM (IST) Updated:Sat, 17 Oct 2020 09:53 AM (IST)
Make Small Strong : आइपैड से साड़ी का Live Demo देकर ग्राहकों को जोड़े रखा
रथयात्रा स्थित प्रतिष्ठान शांति वूमेन साड़ीज बनारस।

वाराणसी, जेएनएन। कोरोना काल में सभी ने तकनीक का भरपूर उपयोग किया। लाकडाउन में जहां सभी दुकानें, उद्योग-धंधे बंद थे वहीं कुछ दुकानदारों ने पहले से जुटाए गए मोबाइल नंबर से अपने ग्राहकों को जोड़े रखा, ताकि वे दूसरे प्रतिष्ठान की ओर से रुख न करें। वाट्सएप, फेसबुक और इंस्ट्राग्राम आदि के माध्यम से लगातार कारोबार जारी रखा। कुछ ऐसा ही किया शहर के रथयात्रा स्थित शांति वूमेन साड़ीज बनारस ने भी। कोरोना काल में तकनीक का उपयोग कर प्रतिष्ठान ने व्यापार को जारी रखा।

संस्थान के प्रबंध निदेशक अमृत शाह बताते हैं कि उनके यहां 1950 से ही साड़ी का कारोबार चल रहा है। उनके यहां ही तैयार साड़ी को बेचा जाता है। इस कार्य में 300 से अधिक स्टाफ निरंतर ही लगे हुए हैं। उन्होंने बताया कि उनके यहां हजारों ग्राहकों के नंबर पहले से ही संरक्षित हैं। कोरोना काल में उनसे संपर्क कर आर्डर लिया जाता था। ग्राहक को संतुष्ट करने के लिए प्रतिष्ठान के सभी फ्लोर पर स्टाफ को आइपैड की व्यवस्था दी गई है। आइपैड पर ग्राहकों को साडिय़ों की डिजाइन व कलर आनलाइन दिखाया जा रहा था। यदि वे पसंद करते तो आर्डर लेकर साड़ी भेज दी जाती थी।

ट्रायल भी आनलाइन

अमृत बताते हैं कि यहां के स्टाफ साड़ी पहनकर आनलाइन ही ट्रायल के रूप में दिखाते थे। साथ ही इसकी शूटिंग भी होती थी, जिसका वीडियो ग्राहक के पास भेजा जाता था। इस सुविधा से ग्राहक पूरी तरह संतुष्ट होकर तुरंत आर्डर दे देते थे। कोई समस्या होती तो ग्राहक आनलाइन बताते हैं। उन्हें फैब्रिक दिखाने के साथ फोटो भी भेजने की प्रक्रिया अपनाई जाती है। इसके अलावा हर प्रकार की डिजाइन इंस्ट्राग्राम पर है, जहां से ग्राहक साड़ी पसंद करते हैं।

तकनीक के उपयोग का संदेश

लोगों के वाट्सएप पर फ्रेंडली संपर्क करने की प्रक्रिया कोरोना काल में ही शुरू की गई। इसके अलावा पहले से संचालित तकनीक का भी भरपूर उपयोग किया गया। वैसे कोरोना महामारी ने लोगों को अधिक से अधिक तकनीक के उपयोग का संदेश दे दिया है। यानी आने वाला समय डिजिटल व आनलाइन तकनीक का भी है।

दूसरे शहरों के ग्राहकों ने उठाया लाभ

अमृत शाह ने बताया कि तकनीक से यह फायदा रहा दूसरे शहर के ग्राहक भी जुड़े रहे। वे अपनी जरूरत के अनुसार तकनीक का उपयोग कर घर बैठे ही अपने शहर से ही साड़ी पसंद कर रहे थे। इससे ग्राहक व दुकानदार दोनों को लाभ हो रहा था।

वेबसाइट पर भी आर्डर

अमृत बताते हैं कि उनके यहां से साड़ी के लिए वेबसाइट पर भी आर्डर आता है। इस पर तमाम साडिय़ों की रेंज व डिजाइन भी रहती है। इससे ग्राहकों को पसंद करने में काफी सहूलियत मिलती है। बताया कि आगे चलकर तकनीक को और बढ़ाया जाएगा, ताकि कभी भी किसी स्थिति में अपने कारोबार को जारी रखा जा सके।

10 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार

अमृत के अनुसार उनके कारोबार से करीब 10 हजार लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलता है। बताया कि उनके यहां सिर्फ बनारसी साड़ी ही बिकती है। बाहर की कोई साड़ी नहीं बेची जाती है। कारण कि यहीं पर पावरलूम में साडिय़ां तैयार की जाती हैं। इससे सैकड़ों कारीगर भी जुड़े हैं। पैङ्क्षकग का काम भी यहीं होता है। इसके साथ कच्चा माल मंगाने एवं साड़ी तैयार कर रिटेलर के पास भेजने से तमाम लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होते हैं।

देश-विदेश में निर्यात

अमृत ने बताया कि उनके यहां की साडिय़ां देश ही नहीं विदेशों में भी निर्यात होती है। साथ ही तमाम विदेशी ग्राहक भी यहां से खरीद कर जाते हैं। सबसे ज्यादा यूके, कनाडा, आस्ट्रेलिया आदि देशों से आर्डर आता है। तमाम साडिय़ों की सैकड़ों डिजाइन हैं। इसके कारण ग्राहक अभी भी जुड़े हैं। कोरोना काल में भी लोगों का विश्वास बना रहा, जो किसी भी प्रतिष्ठान के लिए बेहतर माना जाता है। वैसे अगर तकनीक का सहारा नहीं रहता तो इतने लंबे समय तक बंदी के बाद स्थिति काफी हद तक बिगड़ जाती।

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