'छुक-छुक रेल' में बच्चे सीखेंगे ककहरा, रेल मंत्री का आदेश- 'बेकार हो चुकीं बोगियों को बनाएं स्कूल'

कतार में खड़े होकर कविता पढ़ते दौड़ लगाते थे लेकिन अब रेल मंत्री पीयूष गोयल के नए आदेश से यह हकीकत में बदलेगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 16 Mar 2020 10:56 AM (IST) Updated:Mon, 16 Mar 2020 04:19 PM (IST)
'छुक-छुक रेल' में बच्चे सीखेंगे ककहरा, रेल मंत्री का आदेश- 'बेकार हो चुकीं बोगियों को बनाएं स्कूल'
'छुक-छुक रेल' में बच्चे सीखेंगे ककहरा, रेल मंत्री का आदेश- 'बेकार हो चुकीं बोगियों को बनाएं स्कूल'

वाराणसी [विनोद पांडेय]। अब तक बच्चे स्कूल की किताबों मेंं छुक-छुक रेल..., छुक-छुक रेल... पढ़कर उत्साहित हो जाते थे। कतार में खड़े होकर कविता पढ़ते दौड़ लगाते थे लेकिन अब रेल मंत्री पीयूष गोयल के नए आदेश से यह हकीकत में बदलेगा। बच्चे ट्रेन की बोगियों में बैठकर ककहरा सीख सकेंगे। कई जगहों पर यह प्रयास काफी सफल हो चुका है लिहाजा वाराणसी में यह प्रयोग निश्चित तौर पर अनोखा साबित होगा। 

वाराणसी दौरे पर शनिवार को आए रेल मंत्री ने अफसरों की बैठक में मन की बात रखी। कहा कि रेल की उन बोगियों को स्कूल में बदलें जो मरम्मत के बाद भी चलाने लायक नहीं हैं, उन्हें कबाड़ मान बेचने की तैयारी है। ऐसी बोगियों को स्कूल बनाकर सर्व शिक्षा अभियान से जोड़ें ताकि गरीब-निराश्रित बच्चों को शिक्षित करने में रेलवे की सहभागिता बढ़े। बोगियों में बनाए गए स्कूलों के प्रति बच्चों का आकर्षण बढ़ेगा तो पीएम नरेंद्र मोदी के मिशन सब पढ़ें-सब बढ़ें को गति मिलेगी।  कहा कि ऐसी बोगियों को रेस्टोरेंट व टिकट घर में भी बदला जा सकता है। इससे रेलवे का राजस्व बढ़ेगा। इस अनोखी पहल को लेकर रेलवे बोर्ड में 11 मार्च को बैठक हो चुकी है। मध्य व पश्चिम रेलवे जोन को दिए निर्देश में कहा गया है कि वर्ष 1950 तक की बोगियों को नई सोच में रूपांतरित किया जाए।

ट्रेन की तरह दिखेंगे गांव के स्कूल

रेलवे ने सामाजिक सरोकार में सहभागिता बढ़ाने के लिए तय किया है कि गांवों के कुछ स्कूलों को ट्रेन की तरह रंगा जाए। प्रधानाध्यापक कक्ष ट्रेन का इंजन व कक्षाएं बोगियां लगें। इसे सर्व शिक्षा अभियान से जोड़कर मूर्तरूप दिया जाएगा। ऐसा प्रयोग जयपुर समेत अन्य जगह हुआ भी है। मुख्य रेलवे स्टेशनों के समीप के स्कूलों को प्लेटफार्म पर खड़ी ट्रेन का रूप-रंग दिया जा चुका है। इन स्कूलों में बच्चों की संख्या में इजाफा हुआ है।

बोगियां होंगी नीलाम

रेलवे की अब तक की तैयारी के अनुसार ऐसी बोगियां नीलाम की जाएंगी। कार्यालय, स्कूल, रेस्टोरेंट आदि बनाने के इच्छुक व्यक्ति, संस्था या कंपनी इसकी खरीदारी कर सकती है। इससे उनका निर्माण का खर्च बचने संग कंक्रीट से मजबूत ढांचा मिलेगा। 

'पूर्व-मध्य रेलवे की ओर से दानापुर मंडल में स्टाफ कार्यालय व कैंटीन बनाया गया है। वहीं, दिल्ली में नेशनल रेल म्यूजियम भी बोगियों से बना है। इसी पहल को आगे बढ़ाने का विचार है।' -राजेश कुमार, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पूर्व-मध्य रेलवे।

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