महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ : अब शारीरिक शिक्षा विभाग के दो और अध्यापकों की नियुक्ति पर सवाल

छात्रों के एक गुट ने सोमवार को आंदोलन स्थगित किया तो दूसरे गुट ने शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यापक डा. सुशील व बालरुप की नियुक्ति पर सवाल खड़ा हो गया। दोनों पर कई बार सवाल उठ चुके हैं। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Mon, 19 Oct 2020 08:04 PM (IST) Updated:Mon, 19 Oct 2020 08:04 PM (IST)
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ : अब शारीरिक शिक्षा विभाग के दो और अध्यापकों की नियुक्ति पर सवाल
शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यापक डा. सुशील कुमार गौतम व बालरुप यादव की नियुक्ति पर सवाल खड़ा हुआ है।

वाराणसी, जेएनएन। छात्रों के एक गुट ने सोमवार को आंदोलन स्थगित किया तो दूसरे गुट ने शारीरिक शिक्षा विभाग के अध्यापक डा. सुशील कुमार गौतम व बालरुप यादव की नियुक्ति पर सवाल खड़ा करते हुए प्रदर्शन किया। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कुलपति को संबोधित ज्ञापन सहायक कुलसचिव हरिश्चंद्र को सौंपा। इसमें शारीरिक शिक्षा विभाग के दोनों अध्यापकों की नियुक्तियों की जांच कराने की मांग की गई है।

छात्रों का कहना है कि दोनों अध्यापकों के खिलाफ तमाम आरोप हैं। डा. सुशील कुमार गौतम पर खुद पीएचडी न होने के बावजूद दस शोधार्थियों को पीएचडी कराने का आरोप है। बालरुप यादव पर एक साथ दो-दो संस्थानों में संविदा पर शिक्षण कार्य करने का आरोप है। दोनों पर कई बार सवाल उठ चुके हैं। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। इससे संस्था की छवि धूमिल हो रही है। छात्रों ने व्यापक आंदोलन की चेतावनी दी है। धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से छात्रसंघ के पूर्व महामंत्री समीर कुमार मिश्रा, अंशु कुमार मिश्रा, अमन सिंह, सोनू शुक्ला, शशि राय, अमन सिंह, हर्ष सिंह, आशुतोष राय, प्रांजल यादव सहित अन्य छात्र शामिल थे।

शासन ने तलब की रिपोर्ट

शासन ने डा. सुशील कुमार गौतम के खुद पीएचडी न होने के बावजूद दस शोधार्थियों को पीएचडी कराने के प्रकरण में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के कुलसचिव से रिपोर्ट मांगी है। इसकी शिकायत बिहार निवासी सुधांशु कुमार ङ्क्षसह ने मुख्यमंत्री के पोर्टल पर की थी।

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