उत्‍तर प्रदेश में पुलिस थाने भी नहीं रहे सुरक्षित, थाना परिसर में लेखपाल ने पीडित का दबाया गला Azamgarh news

लेखपाल ने एक मामले में पहले तो पांच हजार रुपये घूस मांगे और इसकी शिकायत इंस्‍पेक्‍टर से करने पर लेखपाल ने पीडित का ही गला दबाकर थाने में जान से मारने की कोशिश की।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 19 Oct 2019 02:07 PM (IST) Updated:Sat, 19 Oct 2019 02:13 PM (IST)
उत्‍तर प्रदेश में पुलिस थाने भी नहीं रहे सुरक्षित, थाना परिसर में लेखपाल ने पीडित का दबाया गला Azamgarh news
उत्‍तर प्रदेश में पुलिस थाने भी नहीं रहे सुरक्षित, थाना परिसर में लेखपाल ने पीडित का दबाया गला Azamgarh news

आजमगढ़, जेएनएन। उत्‍तर प्रदेश में इन दिनों पुलिस के थानों में ही लोगाें की जान बचाने के लाले पड़े हुए हैं। हर शनिवार को थाना दिवस के दौरान जमीन संबंधी विवाद के लिए लेखपाल और पीडित व्‍यक्ति परिसर में मौजूद रहकर अपनी समस्‍याओं का समाधान प्राप्‍त करते हैं। मगर आजमगढ़ जिले में लेखपाल ने एक मामले में पहले तो पांच हजार रुपये घूस मांगे और इसकी शिकायत इंस्‍पेक्‍टर से करने पर लेखपाल ने पीडित का ही गला दबाकर थाने में जान से मारने की कोशिश की। वहीं थाने में मारपीट की जानकारी होने पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। किसी तरह आनन फानन पुलिस ने लेखपाल के कब्‍जे से पीडित को बचाया। 

दरअसल निजामाबाद तहसील अंतर्गत ग्रामसभा फत्तनपुर निवासी बेचन पुत्र विश्वनाथ ने 5 अक्टूबर को अपने मामले के समाधान के लिए थाना दिवस पर एक प्रार्थना पत्र दिया था। आरोप लगाया था कि हमारे जमीन में गांव के ही एक व्यक्ति ने द्वार खोल रखा है जिस पर एसडीएम निजामाबाद प्रियंका प्रियदर्शनी ने क्षेत्रीय लेखपाल को आदेशित किया कि मौके पर जाकर मामले का समाधान कराएं। इसके बाद से ही पीडित न्‍याय की अधिकारियों से उम्‍मीद लगाए बैठा था मगर शनिवार को थाने में ऐसा हुआ कि इंसाफ मांगने वाले को ही जान के लाले पड़ गए। उसी समय थाने में बना वीडियो वायरल होने के बाद लेखपाल की पूरी करतूत सामने आ गई।

एसडीएम के द्वारा जारी आदेश में शनिवार को समाधान दिवस में ही बेचन द्वारा लेखपाल से कहा गया कि मौके पर चल कर मामले को देख लें। वहीं इसी के बाद लेखपाल द्वारा थाने में ही पीडित से काम करने के लिए पांच हजार रुपये की मांग की गई। इसकी शिकायत पीड़ित पक्ष ने इंस्पेक्टर सरायमीर शेर सिंह तोमर से कर दिया। शिकायत सुनते ही इंस्पेक्टर लेखपाल को तलब कर पूछताछ कर ही रहे थे कि लेखपाल ने थाना परिसर में गाली गाली गलौज करते हुए पीड़ित पक्ष को ही मारने के लिए दौड़ा लिया। इससे थाना परिसर में अफरा-तफरी मच गई, हालांकि पुलिस ने पहल करते हुए पीडित को लेखपाल के कबजे से छुड़ाया। वहीं लेखपाल सुभाष चन्द्र गुप्ता का कहना है कि फत्तनपुर गांव के बेचन, शरद आदि द्वारा जबर्दस्ती आबादी श्रेणी 6(2) की भूमि नापने के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

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