वाराणसी में धरने पर बैठी महिला को मिला न्‍याय, एसडीएम के आदेश पर घर का ताला पुलिस ने खोला

लोक समिति महिला चेतना समिति मनरेगा मजदूर यूनियन के कार्यकर्ता और संगठन की सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं पीड़िता को लेकर राजातालाब तहसील पहुंंच कर एसडीएम कार्यालय पर धरने पर बैठ गयींं। आक्रोशित महिलाओं ने आरोप लगाया कि आशा के पति और सास ससुर लगातार उसे प्रताड़ित कर रहे हैं।

By Abhishek sharmaEdited By: Publish:Mon, 15 Feb 2021 06:21 PM (IST) Updated:Mon, 15 Feb 2021 06:21 PM (IST)
वाराणसी में धरने पर बैठी महिला को मिला न्‍याय, एसडीएम के आदेश पर घर का ताला पुलिस ने खोला
राजातालाब तहसील पहुंंच कर एसडीएम कार्यालय पर धरने पर बैठ गयींं।

वाराणसी, जेएनएन। मिर्जामुराद थाना अंतर्गत टोडरपुर गांंव की रहने वाली आशा राय और उसके दो मासूम बच्चों को घर से बेदखल करने के विरोध सैकड़ों महिलाओं ने पीड़िता को लेकर राजातालाब तहसील का घेराव कर प्रदर्शन किया। पीड़िता आशा राय को शनिवार को घर से बेदखल करके उसके घर पुलिस ने ताला लगा दिया था, तीन दिन से आशा अपने दो छोटे बच्चों को लेकर इस भयंकर ठण्ड में घर के बाहर धरने पर बैठी थी। उसके खाने पीने का सारा सामान कपड़े सबकुछ घर में बन्द था।

सोमवार को लोक समिति, महिला चेतना समिति, मनरेगा मजदूर यूनियन के कार्यकर्ता और संगठन की सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं पीड़िता को लेकर राजातालाब तहसील पहुंंच कर एसडीएम कार्यालय पर धरने पर बैठ गयींं। आक्रोशित महिलाओं ने आरोप लगाया कि आशा के पति और सास ससुर लगातार उसे प्रताड़ित कर रहे है, जिसके खिलाफ पीड़िता ने घरेलू महिला हिंसा के तहत मुकदमा दर्ज कराया है, प्रशासन ने बिना मामले को समझे उल्टा आशा को ही घर से बेदखल का आदेश दे दिया।

गौरतलब हो कि टोडरपुर की रहने वाली आशा राय को उसके पति और सास ससुर आये दिन मारपीट करते थे, जिसके खिलाफ आशा ने पुलिस के यहाँ शिकायत किया की थी, इससे गुस्साए ससुराल वालों ने साजिश रचकर आशा राय को सम्पति से बेदखल कर दिया और पुलिस ने पीड़िता को बिना सूचना दिए घर से बाहर निकालकर घर में ताला लगा दिया है, तब से पीड़िता अपने दोनों बच्चों को लेकर घर के बाहर धरने पर बैठी थी, और न्याय की गुहार लगा रही थी।

आक्रोशित महिलाओं का तेवर देख मौके पर उपजिलाधिकारी मौके पर आये। उन्होंने मामले को संज्ञान में लेते हुए पीड़िता के खिलाफ पूर्व में दिये आदेश हो स्थगित कर मामले की फिर से जाँच का आदेश दिया। साथ ही मिर्जामुराद पुलिस को पीड़िता के घर का ताला खोलने और पीड़िता को घर में सकुशल रहने और सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया। आदेश की प्रति पाते ही महिलाओं में खुशी का ठिकाना नहींं रहा। पीड़िता आशा राय महिलाओं से लिपटकर रोने लगी। लोगों ने आदेश की कापी लेकर मिर्जामुराद थाने पहुँचे। मिर्जामुराद थाने के थाना प्रभारी सुनील दत्त दुबे के आदेश पर एस आई बृजेश सिंह ने पुलिस फोर्स के साथ पीड़िता के घर पहुँची और घर का ताला खुलवाकर पीड़िता आशा को घर सुपुर्द कर दिया।

लोक समिति संयोजक नन्दलाल मास्टर ने कहा कि पीड़िता आशा राय एक सामाजिक कार्यकर्ता है वह खुद मिशन शक्ति अभियान के साथ जुड़कर दर्जनों गाँव में महिलाओं को जागरूक कर रही है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार कही घरेलू महिला हिंसा अधिनियम के तहत मामला है तो किसी भी महिला को घर के बाहर नही निकाला जा सकता। कार्यक्रम में मुख्यरूप से अनीता, आशा, सोनी, रेनू, विद्या, शर्मिला, सुरेश राठौर, मुस्तफा, श्यामसुन्दर, शमाबानो, प्रियंका, श्रद्धा, बेबी, सीमा, मैनब बानो, चन्द्रकला, प्रेमा, मधुबाला, राजकुमारी, अमित, पंचमुखी, मुस्तफा, सुनील, शिवकुमार आदि लोग शामिल रहे। 

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