गरीब छात्रों के लिए संजीवनी बनी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की पहल, यूपीएससी के लिए दे रहे आनलाइन मुफ्त कक्षाएं

चंदौली जिले के चकिया में एसडीएम के पद पर तैनात आइएएस ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा गरीब छात्रों की मदद के लिए आगे आ गए हैं। वे राज्यस्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ ही यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा के लिए आनलाइन मुफ्त कक्षाएं दे रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 03:47 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 03:47 PM (IST)
गरीब छात्रों के लिए संजीवनी बनी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट की पहल, यूपीएससी के लिए दे रहे आनलाइन मुफ्त कक्षाएं
अधिकारी अपनी सख्त छवि व भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई से हमेशा चर्चा में रहे।

जागरण संवाददाता, चंदौली। अपनी सख्त छवि व भू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई से हमेशा चर्चा में रहे चंदौली जिले के चकिया में एसडीएम के पद पर तैनात आइएएस ज्वाइंट मजिस्ट्रेट प्रेम प्रकाश मीणा गरीब छात्रों की मदद के लिए आगे आ गए हैं। वे राज्यस्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ ही यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा के लिए आनलाइन मुफ्त कक्षाएं दे रहे हैं। इसका वीडियो स्मार्ट क्लास के माध्यम से तैयार कर यू-ट्यूब पर उपलब्ध करा रहे हैं। यू-ट्यूब पर प्रेमप्रकाश मीणा आइएएस के नाम से एक मुफ्त चैनल तैयार किया है। इसके जरिए उनके वीडियो अपलोड किए जाते हैं। उनकी यह पहल गरीब प्रतियोगी छात्रों के लिए वरदान साबित हो रही।

ऊंचे पदों पर पहुचने के बाद अक्सर लोग अपनी दुनिया में व्यस्त हो जाते हैं, लेकिन जिले में तैनात ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दूसरों का करियर संवारने में लगे हैं। 2018 बैच के आइएएस अधिकारी ने बताया कि वह राजस्थान के अलवर जिले के अति पिछड़े गांव से आते हैं, उन्हें अपनी तैयारी के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। सुविधाओं और पैसों के अभाव में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रो में रहने वाले छात्र काबिलियत होने के बावजूद उस मुकाम तक नहीं पहुंच पाते। ऐसे छात्र मुफ्त में राज्यस्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं समेत यूपीपीएससी की तैयारी कर लाभ उठा सकते हैं। बताया कि चैनल पर अन्य आइएएस अधिकारियों का भी सहयोग लिया जाएगा।

अभी प्राचीन इतिहास और करेंट अफेयर्स की कक्षाएं शुरू की हैं। अगले सप्ताह से कुछ अन्य लोगों और अधिकारियों की मदद से अर्थशास्त्र और राजनीति शास्त्र की कक्षाएं भी शुरू की जाएंगी। आइएएस मीणा सिविल सर्विस में आने से पूर्व आयल और गैस क्षेत्र की मल्टीनेशनल कंपनियों में लगभग 10 वर्षों तक काम कर चुके है। जिस वक्त उन्होंने नौकरी छोड़ी उनका सालाना पैकेज तकरीबन 1.91 करोड़ था। हालांकि जनता की सेवा की ललक उन्हें प्रशासनिक सेवा की ओर ले आई। उन्होंने आइआइटी मुंबई से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बी-टेक किया है। इनका यूपीएससी में दो बार चयन हुआ है। 2017 में इनको आइआरएस कैडर मिला, लेकिन उन्होंने इसे छोड़ दिया। 2018 में 102वीं रैंक प्राप्त हुई और इन्हें आएएएस कैडर मिला।

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