India Nepal Border Dispute दोनों देशों के बीच एक दिन के अंतराल पर चलने वाली मैत्री बस सेवा उलझी

भारत-नेपाल सीमा विवाद के कारण दोनों देशों के बीच बढ़े मतभेद से भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा उलझ गई है। लॉकडाउन खुलने के बाद भी नेपाल ने मैत्री बस सेवा शुरू नहीं की।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Publish:Fri, 19 Jun 2020 09:56 AM (IST) Updated:Fri, 19 Jun 2020 09:56 AM (IST)
India Nepal Border Dispute दोनों देशों के बीच एक दिन के अंतराल पर चलने वाली मैत्री बस सेवा उलझी
India Nepal Border Dispute दोनों देशों के बीच एक दिन के अंतराल पर चलने वाली मैत्री बस सेवा उलझी

वाराणसी, [जेपी पांडेय]। भारत-नेपाल सीमा विवाद के कारण दोनों देशों के बीच बढ़े मतभेद से भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा उलझ गई है। लॉकडाउन खुलने के बाद भी नेपाल ने मैत्री बस सेवा शुरू नहीं की। परिवहन निगम के स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करने के बाद भी उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया कि बस चलेगी या नहीं, जबकि बनारस से चलने वाली मैत्री बस सेवा अनुबंध खत्म होने के चलते पहले से ही बंद है। बस चलाने के लिए अनुबंध की फाइल मुख्यालय में पड़ी है। ऐसे में बनारस से नेपाल को जाने वाले यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है। वे रोज बस स्टैंड पर बस के बारे में पूछते हैं। निगमकर्मी बस नहीं चलने की बात कहते हैं।

तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दिखाई थी हरी झंडी

भारत-नेपाल के संबंधों को और मधुर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर बनारस से भारत नेपाल मैत्री बस सेवा को मार्च-2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। दोनों देशों से एक-एक बस सेवा एक दिन के अंतराल पर चलनी शुरू हुई थी। बनारस-काठमांडू के बीच सवारी होने के चलते बसें कभी बंद नहीं हुईं। नेपाल से चलने वाली बस लगातार चलती रही और उसे सवारी भी मिलती रही। लॉकडाउन के चलते परिवहन निगम के साथ नेपाल से चलने वाली बसें बंद हो गईं।

उच्चाधिकारियों से आगे की कार्रवाई के बारे में पूछा

एक जून से लॉकडाउन खुलने के साथ नेपाल जाने वाले यात्री रोडवेज बस स्टैंड पहुंचने लगे। यात्रियों की भीड़ देख स्थानीय अधिकारियों ने काठमांडू में अधिकारियों से संपर्क कर बस भेजने की बात कही। उन्होंने बताया कि बस स्टैंड से लॉकडाउन की शर्तों को पूरा करने के साथ बसें चलाई जा रही हैं लेकिन वहां के अधिकारियों का जवाब संतोषजनक नहीं था। उन्होंने उच्चाधिकारियों को इसकी सूचना देने के साथ आगे की कार्रवाई के बारे में पूछा है।  

आस्था का केंद्र हैं दोनों स्थल

काठमांडू में भगवान पशुपतिनाथ और बनारस में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अधिक है। दोनों मंदिरों में नेपाल और भारत के लोग दर्शन-पूजन करने जाते हैं। ये दोनों मंदिर हिंदू धर्मावलंबियों के आस्था के केंद्र हैं।

39 जीटीसी के सबसे अधिक यात्री

39 जीटीसी में ज्यादातर नेपाल के जवान हैं। इस बस सेवा के शुरू होने पर सबसे अधिक उन्हीं को फायदा हुआ था। पर्यटक भी इस बस का ज्यादा इस्तेमाल करते थे। दो देशों के बीच चलने वाली भारत-नेपाल मैत्री बस सेवा फायदे में चल रही थी। ऐसे में उसे बंद करने का कोई औचित्य नहीं बनता है जबकि कई रूटों पर बसें घाटे में होने के बावजूद चलती हैं। सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (ग्रामीण) ओपी ओझा ने बताया कि लॉकडाउन के साथ भारत नेपाल मैत्री बस सेवा बंद हो गई थी। लॉकडाउन खुलने के साथ उसे पूर्ववत चलना चाहिए लेकिन बस नहीं आ रही है और न ही वहां से कोई सूचना मिली है। वहां के अधिकारियों से संपर्क करने पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इस बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।

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