IIT-BHU छात्र ने व्हीलचेयर के सहारे काशीवासियों को दिया SMART E-MARKET

लाइलाज बीमारी से जूझ रहे आइआइटी-बीएचयू में एम टेक के छात्र विशाल सिंह अपनी एलुमिनाई प्रतिमा मेश्राम के साथ मिलकर बनारस में एक स्मार्ट बाजार (स्टार्टअप) शुरू किया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Fri, 04 Sep 2020 09:53 AM (IST) Updated:Fri, 04 Sep 2020 01:20 PM (IST)
IIT-BHU छात्र ने व्हीलचेयर के सहारे काशीवासियों को दिया SMART E-MARKET
IIT-BHU छात्र ने व्हीलचेयर के सहारे काशीवासियों को दिया SMART E-MARKET

वाराणसी [हिमांशु अस्थाना]। स्टीफन हॉकिंग की तरह मस्कुलर डिस्ट्रोफिया जैसी लाइलाज बीमारी से जूझ रहे आइआइटी-बीएचयू में एम टेक के छात्र विशाल सिंह अपनी एलुमिनाई प्रतिमा मेश्राम के साथ मिलकर बनारस में एक स्मार्ट बाजार (स्टार्टअप) शुरू किया है। इस ग्रोस कार्ट पोर्टल व एप पर ऑर्डर कर काशीवासी तड़के सुबह अपनी चौखट पर ताजी-सब्जियां, दूध, ब्रेड व फल आदि पा जाते हैं। इस स्मार्ट बाजार की खासियत यह भी है कि इस पर कोविड-19 से बचाव के सभी उत्पाद और पोषक तत्वों से परिपूर्ण खाद्यानों की लंबी-चौड़ी सूची है। इस डिजिटल बाजार के संचालक विशाल के अनुसार अब तक का सबसे यूनिक ई-कॉमर्स वेबसाइट है, क्योंकि लोगों को हेल्थ पैकेज उपलब्ध कराने के साथ ही इसके उत्पाद बेहद किफायती व गुणवत्तापूर्ण हैं।

ग्रोस कार्ट के ये बातें करती हैं सबसे अलग

स्टार्टअप की सीईओ डा. प्रतिमा मेश्राम ने बताया कि इसमें 300 रु से ऊपर की खरीदारी करने वालों के लिए शिपिंग चार्ज शून्य है, जबकि अमेजॉन व फ्लिपकार्ट पर 500 रुपया है। इस पोर्टल से बनारस के राजातालाब स्थित कई किसानों को उनकी सब्जियों व फलों का उचित रेट मिल रहा है और डिलीवरी मैन को नियमित रोजगार। हालांकि गरीबी से जूझ रहे विशाल के पिता खुद भी ग्रोसरी कार्ट पर ऑर्डर मिले के सामानों की घर-घर आपूर्ति करते हैं।

12 हजार की छात्रवृत्ति पर आश्रित था परिवार

विशाल व उनका परिवार 12 हजार की छात्रवृत्ति पर आश्रित था और तब तक लॉकडाउन ने उन्हें एकदम ही झकझोर दिया। इसी के बाद उनके भीतर का एक उद्यमी जागृत होने लगा और एक दिन अपनी नौकरी छोड़कर डा. प्रतिमा आइआइटी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डा. मनोज मेश्राम के छात्र राहुल से मिलीं। इसके बाद दोनों ने योजनाबद्ध तरीके से किसानों, डिलीवरी मैन से बातचीत कर एक स्टोर तैयार किया और इसका एप और पोर्टल तैयार कर दो महीने तक ट्रायल किया। डा. मेश्राम भी इस दौरान इस कार्य में अपने छात्र विशाल संग जुटे रहे और वेबसाइट से पूरी तरह सन्तुष्ट होने के बाद ग्रोसरी कार्ट को लांच कर दिया गया। यह एप अब गूगल प्लेस्टोर पर भी उपलब्ध है। डा. प्रतिमा ने बताया कि अभी शुरुआत में इस पर आसपास के ही लोगों के ऑर्डर आ रहे हैं, मगर जो भी एक बार हमारी सेवा का लाभ लिया वह अब हर दिन सब्जियां व दूध जबकि हर दूसरे दिन किराना व कोरोना से बचाने वाली विशेष वस्तुएं ऑर्डर कर ही देते हैं।

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