चीन के चश्मे और पिचकारी पर भी कोरोना का कहर, आपूर्ति बाधित होने से 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित

कोरोना वायरस का कहर चश्मे पावर ग्लास मोबाइल बैट्री प्रेस पंखे के साथ ही पिचकारी भी शुरू हो गया है।

By Abhishek SharmaEdited By: Publish:Sat, 29 Feb 2020 10:23 AM (IST) Updated:Sun, 01 Mar 2020 07:39 AM (IST)
चीन के चश्मे और पिचकारी पर भी कोरोना का कहर, आपूर्ति बाधित होने से 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित
चीन के चश्मे और पिचकारी पर भी कोरोना का कहर, आपूर्ति बाधित होने से 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित

वाराणसी, जेएनएन। चीन के वुहान शहर से शुरु हुआ कोरोना वायरस का कहर चश्मे, पावर ग्लास, मोबाइल बैट्री, प्रेस, पंखे के साथ ही पिचकारी भी असर शुरू हो गया है। चाइनीज सामान की आवक यहां के बाजारों में बंद होने से सभी उत्‍पादों के दाम बढ़ गए हैं। वहीं रेट बढऩे से बिक्री भी उसी सापेक्ष घट गई है। इसके कारण पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी कही जाने वाली दाल मंडी में करीब 50 करोड़ का कारोबार प्रभावित हो रहा है। अगर कोरोना का कहर आगे नहीं थमा तो स्थिति और भयावह हो सकती है। 

दाल मंडी को पूर्वांचल की सबसे बड़ी मंडी कहा जाता है। यहां पर भी व्यापारियों में कोरोना वायरस का खौफ छाया हुआ है। चाइना से आयात ठप होने के चलते उत्पादों के भाव लगभग 50 फीसद तक बढ़ गए हैं। मोबाइल एसेसरीज के दाम हर दिन शेयर भाव की तरह उछाल मार रहे है। चश्मे कॉक्ररी आइटम और खिलौने के दाम 40 से 60 फीसदी की बढ़ोतरी ने होलसेल बाजार को तोड़कर रख दिया है। वहीं कोरोना की हाड़ में कुछ दुकानदार सामानों पर मनमाना भाव लगा कर बेचने से बाज नहीं आ रहे हैं। 

होली का रंग हुआ फीका

 कोरोना वायरस के असर से होली का रंग भी फीका पड़ गया है। चाइना मेड पिचकारी और खिलौना बाजार से गायब है। पिछले वर्ष के स्टाक को व्यापारी मनमाने रेट पर बेच रहे है। चाइना से आयातित माल दिल्ली से यहां तक लाया जाता है। पिछले साल होली में जो पिचकारी 150 से 500 रुपये में मिलती थी वह अब 250 से 1000 रुपये में मिल रही है। 

80 फीसद तक बढ़े सामानों के भाव 

व्यापारी नेता बकरुदीन अहमद, दुकानदार वसीम बाबा पठान, व्यापारी हाजी एजाजुद्दीन हाशमी जैसे तमाम दुकानदार व्यवसाय के प्रभावित होने से दुखी हैं। उनका कहना है कि पूरे दाल मंडी क्षेत्र में 99 फीसद माल चाइना से आता है, जो कि करीब एक माह से बंद है। चश्मे का पावर ग्लास जो पहले 200-500 रुपये में मिल जात थे अब वह 250-650 रुपये तक भी बिक रहे हैं। यही नहीं चश्मे के फ्रेम के भाव भी बढ़ गया है। इनका रेट पहले जहां 100-1000 रुपये था वहीं अब बढ़कर 170 से 1300 रुपये तक हो गया है। सनग्लास चश्मे का दाम पहले 50 से 400 रुपये था, जो अब 150 से 700 रुपये हो गया है। इसी तरह खिलौने, मोबाइल, काकरी, बैट्री, लाइट, प्रेस, पंखा, चाइना शीशा के दाम में लगभग 80 फीसद तक उछाल हुआ है। 

चार करोड़ रुपये तक बिकता है सामान 

व्यापारियों ने बताया कि अगर तीन माह तक माल की आयात नहीं हुई तो जिस बड़े व्यापारियों के पास माल का स्टाक भरा पड़ा है वह खत्म हो जाने के बाद मंडी में व्यापार करना मुश्किल हो जायेगा। पूरे दाल मंडी में हजारों दुकान में लगभग दो महीने पहले प्रतिदिन तीन से चार करोड़ रुपए की बिक्री होती थी, जो आज सिर्फ 50 से 70 लाख रुपए तक सिमट गई है। 

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